नोएडा एयरपोर्ट के चलते ग्रेटर नोएडा में मकानों की कीमतें आसमान में, देश के इन शहरों में भी खूब बढ़ी कीमतें
दिल्ली एनसीआर का दूसरा एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में बन रहा है। अगले कुछ महीने में इसे खोलने की तैयारी है। इसी वजह से यमुना एक्सप्रेसवे के पास मकान की कीमतों में खूब इजाफा देखा जा रहा है। पूरे दिल्ली-एनसीआर को देखें तो पिछले साल चौथी तिमाही में यहां मकान 31 फीसदी महंगे हुए हैं।
मुंबई: साल 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान भी मकानों (House Price) की कीमतें बढ़ ही रही हैं। इस दौरान भारत के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की औसत कीमतों में औसतन 10% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई। मजबूत मांग और सकारात्मक बाजार रुझानों के चलते साल 2021 से लगातार 16वीं तिमाही में कीमतें बढ़ ही रही हैं। इस दौरान सभी बड़े शहरों में मकानों की कीमतों में इजाफा हुआ ही, दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई। इसके बाद बेंगलुरु का स्थान रहा।
दिल्ली एनसीआर में मकानों की कीमतों में एक तरह से आग लगी हुई है। साल 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान ही दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में मकान की कीमतों में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी खासतौर पर लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट में मजबूत बिक्री के कारण हुई। द्वारका एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा 58% की सालाना वृद्धि हुई, जबकि ग्रेटर नोएडा में भी कीमतें 52% बढ़ीं। आने वाले समय में, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में मकानों की कीमतें और बढ़ने की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर के पीछे-पीछे बेंगलुरु चल रहा है। वहां पिछले साल चौथी तिमाही के दौरान मकान की कीमतों में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अहमदाबाद और पुणे में भी मकानों की कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण इन शहरों के प्रमुख इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बेहतर कनेक्टिविटी से बढ़ी मांग है। बेंगलुरु के आउटर वेस्ट और पेरिफेरी इलाकों, और पुणे के बानेर और नागर रोड जैसे माइक्रो मार्केट्स में रेडी-टू-मूव मकानों की मांग तेजी से बढ़ी, जिससे इन क्षेत्रों में मकानों की औसत कीमतें 2024 की चौथी तिमाही में सालाना 15% तक बढ़ गईं।