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India becomes the new startup hub: More than 1.5 lakh startups, 120 unicorns and huge surge in investment

India becomes the new startup hub: More than 1.5 lakh startups, 120 unicorns and huge surge in investment

भारत बना स्टार्टअप का नया गढ़: 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप, 120 यूनिकॉर्न और निवेश में जबरदस्त उछाल

भारत तेजी से वैश्विक स्टार्टअप परिदृश्य में एक अग्रणी खिलाड़ी बनकर उभर रहा है। देश में इस समय 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं और इनमें से 120 कंपनियों की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा है, जो इन्हें यूनिकॉर्न की श्रेणी में ले आता है। मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस प्रगति को लेकर अहम जानकारी साझा की।

 

पुरी ने बताया कि सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने स्टार्टअप निवेश कोष को पांच गुना बढ़ाते हुए 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

‘पंख’ पहल से मिल रही नई उड़ान

गेल की स्टार्टअप पहल ‘पंख’ का विशेष उल्लेख करते हुए पुरी ने कहा कि यह इनोवेशन को प्रोत्साहन देकर युवाओं के विचारों को नई उड़ान दे रही है। ऊर्जा, गैस, पाइपलाइन, पेट्रोकेमिकल्स, रिन्यूएबल एनर्जी और ऊर्जा भंडारण जैसे क्षेत्रों में 38 स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया गया है, जिन्होंने बीते तीन वर्षों में लगभग 1,000 रोजगार सृजित किए हैं।

 

तेल विपणन कंपनियों की बड़ी भागीदारी

पुरी ने बताया कि 6 प्रमुख तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने अब तक 550 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड बनाया है, जिसमें से 290 करोड़ रुपये का निवेश कर 303 स्टार्टअप्स को सीड फंड, मेंटरशिप और आवश्यक संसाधनों के माध्यम से पोषित किया गया है।

 

तेजी से बढ़ता भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। उन्होंने इसे “वास्तविक सशक्तीकरण और प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम” बताया। उनका कहना है कि यह सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि युवाओं को नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास है।

 

फंड ऑफ फंड्स से मिलेगा बड़ा समर्थन

सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में स्टार्टअप्स को और अधिक मजबूती देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स की योजना पेश की है। इसके तहत डीप टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म्स के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।

 

निष्कर्ष:

भारत में स्टार्टअप्स केवल बिज़नेस आइडिया नहीं, बल्कि रोजगार, नवाचार और आर्थिक आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ बनते जा रहे हैं। सरकारी सहयोग, निजी निवेश और युवाओं की नई सोच ने भारत को तकनीकी और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर एक मज़बूत उपस्थिति दिलाई है। आने वाले वर्षों में इस इकोसिस्टम के और अधिक विस्तार की उम्मीद की जा रही है।

 

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