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मुकेश अंबानी ने अपने कॉलेज ICT को दी 151 करोड़ की ‘गुरु दक्षिणा’, प्रोफेसर शर्मा को बताया ‘राष्ट्र गुरु’

भारत और एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने अपनी शिक्षा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए अपने अल्मा मेटर, इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। यह अनुदान उनके गुरु प्रोफेसर मन मोहन शर्मा के सम्मान में ‘गुरु दक्षिणा’ के रूप में दिया गया है, जिन्हें अंबानी ने ‘राष्ट्र गुरु’ की संज्ञा दी। यह घोषणा शुक्रवार को मुंबई में प्रोफेसर शर्मा की जीवनी ‘द डिवाइन साइंटिस्ट’ के विमोचन समारोह के दौरान की गई। यह अनुदान ICT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा दान माना जा रहा है।

 

मुकेश अंबानी ने 1970 के दशक में तत्कालीन यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (UDCT), जो अब ICT के नाम से जाना जाता है, से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। इस समारोह में अंबानी ने अपने पहले व्याख्यान को याद करते हुए कहा कि प्रोफेसर शर्मा का वह पहला लेक्चर उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बना। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर शर्मा ने न केवल उनकी सोच को आकार दिया, बल्कि भारतीय रासायनिक उद्योग के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंबानी ने कहा, “मैंने महसूस किया कि वह केवल धातुओं के नहीं, बल्कि दिमागों के कीमियागर हैं। वे जिज्ञासा को ज्ञान में, ज्ञान को व्यावसायिक मूल्य में और दोनों को शाश्वत बुद्धिमत्ता में बदलने की शक्ति रखते हैं।”

 

प्रोफेसर मन मोहन शर्मा, जिन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है, ने 27 वर्ष की आयु में UDCT में प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएँ शुरू की थीं। छह दशकों से अधिक समय तक उन्होंने शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान दिया। उनके कई छात्र भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बने। अंबानी ने प्रोफेसर शर्मा को ‘राष्ट्र गुरु’ कहकर संबोधित करते हुए उनकी उस दूरदर्शिता की सराहना की, जिसने भारतीय उद्योगों को लाइसेंस-परमिट राज से मुक्ति दिलाने में मदद की। शर्मा ने नीति निर्माताओं को यह समझाया कि भारत की प्रगति के लिए उद्योगों को स्वतंत्रता देना और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए स्केल बढ़ाना आवश्यक है।

 

इस आयोजन में अंबानी ने कहा, “जब प्रोफेसर शर्मा हमें कुछ कहते हैं, हम सिर्फ सुनते हैं, सोचते नहीं। उन्होंने मुझसे कहा, ‘मुकेश, तुम्हें ICT के लिए कुछ बड़ा करना होगा,’ और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।” इस अनुदान को ‘गुरु दक्षिणा’ के रूप में प्रस्तुत करते हुए अंबानी ने इसे प्रोफेसर शर्मा के मार्गदर्शन का परिणाम बताया। यह राशि ICT के अनुसंधान बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वैश्विक सहयोग को बढ़ाने में उपयोग की जाएगी।

 

समारोह में वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोडकर की अध्यक्षता में कई प्रख्यात वैज्ञानिकों, जैसे रघुनाथ माशेलकर, जे बी जोशी, अनिरुद्ध पंडित और जी डी यादव ने भी प्रोफेसर शर्मा के योगदान को याद किया। अंबानी ने ICT कैंपस को एक पवित्र मंदिर की तरह बताया और कहा कि यहाँ आना उनके लिए हमेशा एक विशेष अनुभव रहा है।

 

यह दान न केवल ICT के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है, बल्कि यह शिक्षा और गुरु-शिष्य परंपरा के प्रति अंबानी की गहरी निष्ठा को भी दर्शाता है। इस अनुदान से संस्थान को अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने में मदद मिलेगी |

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