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फ्लिपकार्ट को मिला RBI से NBFC लाइसेंस

भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। यह लाइसेंस फ्लिपकार्ट की वित्तीय इकाई, फ्लिपकार्ट फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड को 13 मार्च 2025 को प्रदान किया गया, जिसकी पुष्टि कंपनी ने 5 जून 2025 को की। यह भारत में पहली बार है जब किसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी को NBFC लाइसेंस मिला है, जिससे फ्लिपकार्ट अब अपने ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे ऋण देने में सक्षम होगी। इस कदम से फ्लिपकार्ट की फिनटेक सेवाओं में विस्तार और कंपनी के कारोबारी मॉडल में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद है।

NBFC लाइसेंस का महत्व

NBFC लाइसेंस फ्लिपकार्ट को बिना किसी तीसरे पक्ष जैसे बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हुए, अपने ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे ऋण देने की अनुमति देता है। अभी तक, फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करके उपभोक्ता ऋण प्रदान करती थी। इस लाइसेंस के साथ, कंपनी अब अपने प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत ऋण, खरीदारी के समय क्रेडिट, और EMI जैसे विकल्प स्वतंत्र रूप से पेश कर सकती है। यह न केवल कंपनी के लिए अधिक लाभकारी मॉडल है, बल्कि ग्राहकों को तेज और सुगम वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में भी मदद करेगा।

फ्लिपकार्ट की रणनीति

फ्लिपकार्ट, जो वॉलमार्ट के स्वामित्व में है, इस लाइसेंस के जरिए अपनी फिनटेक शाखा, सुपर.मनी ऐप के माध्यम से वित्तीय सेवाओं को और मजबूत करने की योजना बना रही है। कंपनी जल्द ही अपने ग्राहकों और विक्रेताओं के लिए ऋण सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है, हालांकि इसकी विस्तृत योजनाओं का खुलासा अभी नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम फ्लिपकार्ट को भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल लेंडिंग मार्केट में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। इसके अलावा, कंपनी अपनी होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने और IPO की योजना पर भी काम कर रही है, जिससे इस लाइसेंस का महत्व और बढ़ जाता है।

बाजार पर प्रभाव

भारत में ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन और फ्लिपकार्ट का दबदबा रहा है। NBFC लाइसेंस के साथ, फ्लिपकार्ट अब न केवल उत्पाद बिक्री बल्कि वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी। यह लाइसेंस कंपनी को छोटे और मध्यम विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी प्रदान करने में मदद करेगा, जिससे उनकी बिक्री और विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। उपभोक्ताओं के लिए, यह लाइसेंस खरीदारी को और अधिक किफायती बनाने में मदद करेगा, क्योंकि वे सीधे फ्लिपकार्ट से EMI और अन्य क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

RBI की सख्त नीतियां

RBI ने 2018 के IL&FS संकट के बाद NBFC क्षेत्र के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। हाल ही में, चार NBFC कंपनियों—आसिर्वाद माइक्रो फाइनेंस, अरोहन फाइनेंशियल सर्विसेज, DMI फाइनेंस, और नवि फिनसर्व—पर अत्यधिक ब्याज दरों और अनुचित उधार प्रथाओं के कारण ऋण वितरण पर रोक लगा दी गई थी। फ्लिपकार्ट का यह लाइसेंस इस बात का संकेत है कि कंपनी ने RBI के कड़े नियामक मानकों को पूरा किया है। यह कदम कंपनी के प्रति उपभोक्ताओं और विक्रेताओं का भरोसा बढ़ाएगा।

भविष्य की संभावनाएं

फ्लिपकार्ट का यह कदम भारत में डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लाइसेंस फ्लिपकार्ट को अपने प्रतिस्पर्धियों, जैसे अमेजन और अन्य स्टार्टअप्स, जैसे जियोमार्ट और ताता डिजिटल, के खिलाफ एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। साथ ही, यह छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच को बढ़ाएगा, जहां क्रेडिट की उपलब्धता सीमित है।

निष्कर्ष

फ्लिपकार्ट का NBFC लाइसेंस प्राप्त करना भारतीय ई-कॉमर्स और फिनटेक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह कंपनी को अपने ग्राहकों और विक्रेताओं के लिए अधिक सुगम और किफायती वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। हालांकि, कंपनी ने अभी अपनी योजनाओं का विस्तृत खुलासा नहीं किया है, लेकिन इस लाइसेंस से फ्लिपकार्ट की बाजार स्थिति और मजबूत होगी।

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