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Women of Bihar got the gift of safe travel, pink bus service started in five cities

Women of Bihar got the gift of safe travel, pink bus service started in five cities

बिहार की महिलाओं को मिला सुरक्षित सफर का तोहफा, पांच शहरों में शुरू हुई पिंक बस सेवा

पटना। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए बिहार सरकार ने शुक्रवार को ‘पिंक बस सेवा’ की शुरुआत की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना सहित राज्य के पांच प्रमुख शहरों – भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया और दरभंगा – से इस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह सेवा सिर्फ महिलाओं के लिए आरक्षित होगी और इसका उद्देश्य उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री के साथ इस अवसर पर परिवहन मंत्री शीला मंडल, डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

सिर्फ महिलाओं के लिए, महिलाओं द्वारा संचालित सेवा

पिंक बस सेवा की एक खासियत यह है कि इनमें महिला कंडक्टर तैनात की गई हैं और इनमें केवल महिलाएं ही सफर कर सकेंगी। इससे महिलाओं को आत्मविश्वास से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का अवसर मिलेगा। परिवहन मंत्री शीला मंडल ने इसे महिलाओं की सुविधा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखकर की गई पहल बताया।

 

आधुनिक तकनीक से लैस हैं पिंक बसें

इन पिंक बसों को महिलाओं की सुरक्षा और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। प्रत्येक बस में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन, इमरजेंसी अलार्म, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, फर्स्ट एड बॉक्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा, हर बस में 22 आरामदायक सीटें होंगी।

 

परिवहन सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी ने बताया कि इन बसों को बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSTRC) द्वारा संचालित किया जाएगा। पहले चरण में 20 पिंक CNG मिनी बसें सेवा में लाई गई हैं। इनमें 8 बसें पटना, 4 मुजफ्फरपुर, और 2-2 बसें गया, दरभंगा, भागलपुर और पूर्णिया में चलाई जा रही हैं। दूसरे चरण में 80 अतिरिक्त पिंक बसों को शामिल करने की योजना है।

 

महिलाओं के लिए सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम

परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कहा कि यह सेवा छात्राओं, कामकाजी महिलाओं और घरेलू महिलाओं के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनेगी। इससे महिलाएं बिना किसी डर के यात्रा कर सकेंगी और यह उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस सेवा का विस्तार राज्य के अन्य शहरों में भी किया जाएगा।

 

किराया भी रहेगा किफायती

पर्यावरण के लिहाज से भी यह पहल अहम मानी जा रही है, क्योंकि ये बसें सीएनजी ईंधन से संचालित होती हैं और प्रदूषण रहित हैं। किराया भी आम जनता की सुविधा के अनुसार तय किया गया है, जो 6 रुपये से 25 रुपये तक रहेगा, यह दूरी और ठहराव के अनुसार भिन्न होगा।

 

निष्कर्ष

बिहार सरकार की यह पहल राज्य की महिलाओं को न केवल सुरक्षित यात्रा का अनुभव देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की दिशा में भी प्रेरित करेगी। पिंक बस सेवा बिहार में महिला-केंद्रित सार्वजनिक नीतियों का एक सकारात्मक उदाहरण बनकर सामने आई है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।

 

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