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आज शेयर बाजार: Bank Nifty ने नया रिकॉर्ड कायम किया

9 जून 2025 को सुबह भारतीय शेयर बाजारों में जोरदार शुरुआत दिखी। खासकर बैंकिंग सेक्टर के प्रमुख इंडेक्स, बैंक Nifty ने पहली बार 57,000 के अंक को पार कर 57,049.50 का ऐतिहासिक स्तर छुआ । बैंकिंग शेयरों में इस तेज उछाल की वजह RBI की अप्रत्याशित मौद्रिक राहत रही — जिसमें रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती और CRR में 100 बेसिस पॉइंट की भारी कमी शामिल थी ।

 

RBI की ‘जम्बो’ राहत: रेपो + CRR कटौती

  1. रेपो रेट में 50 बीपी की कटौती

6 जून 2025 को आरबीआई की मनीटरी पॉलिसी समिति (MPC) ने रेपो रेट को 6.0% से घटाकर 5.50% किया — 2025 में तीसरी बार कटौती, और कोविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ी कटौती थी ।

 

  1. CRR में 100 बीपी की कमी

बात यहाँ खत्म नहीं हुई; RBI ने CRR को 4% से घटाकर 3% किया, जिसे चार चरणों में नवंबर तक लागू किया जाएगा । इसका मतलब कुण्डलित तरलता ₹2.5 ट्रिलियन तक बढ़ने की संभावना है ।

 

  1. पॉलिसी स्टांस में बदलाव

RBI ने अपना दृष्टिकोण “अकॉमोडेटिव” से बदलकर “न्यूट्रल” कर लिया, जिसका मतलब है कि अगले कदम आँकड़ों पर आधारित होंगे ।

 

बैंकिंग सेक्टर में उछाल

Bank Nifty ने नए उच्च स्तर छुए — 57,049.50 तक और ट्रेडिंग के दौरान 57,000 पार किया ।

PSU बैंक और भारतीय निजी बैंक दोनों में मजबूती आई—Kotak Mahindra Bank, Canara Bank, IDFC First जैसे शेयरों में 1.5–2.5% उछाल देखा गया ।

बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर्स ने सबसे अधिक लाभ उठाया, Nifty Private Bank 28,067.95 पर पहुंचा, जबकि PSU Bank इंडेक्स 1.2% तक चढ़ा ।

 

अन्य प्रमुख इंडेक्स और सेक्टर्स

Nifty50 ने 25,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर लांघा – शुक्रवार को यह 25,003 पर बंद हुआ, और सोमवार को शुरुआती सत्र में 25,103 तक पहुंचा ।

Sensex में भी वृद्धि हुई; एक सत्र में 747 अंक यानी लगभग 0.9% तक उछलकर 82,188–82,189 का स्तर छूआ गया । रियल्टी, ऑटो, मेटल जैसे दर दर संवेदनशील सेक्टर्स में क्रमश: 3.5%, 1%, और करीब 1% की वृद्धि देखी गई ।

 

वैश्विक और घरेलू तालमेल

अमेरिकी नौकरियों सेलीरी डेटा मजबूत रहा—इससे घरेलू शेयर बाजार में भरोसा बढ़ा, और IT व फार्मा शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली ।

यूएस‑इंडिया व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेत ने FII (विदेशी संस्थागत निवेशकों) के लिए आकर्षक माहौल तैयार किया ।

 

विश्लेषकों की राय

Sandip Sabharwal ने इसे एक “मार्केट रैली” करार दिया, जिसे RBI की राहत नीति, उधारी सस्ती होने और निवेश में तेजी के माध्यम से बल मिला ।

Mahendra Patil ने कहा कि CRR कटौती से बैंकिंग सिस्टम में ₹2.5 ट्रिलियन की तरलता आएगा, जिससे कर्ज और निवेश बढ़ सकता है ।

Sudeep Shah ने ऐतिहासिक जून के ट्रेंड को बताया—18 सालों में 11 बार जून में Nifty, Bank Nifty ने अच्छा प्रदर्शन किया, और इस बार भी ऐसा दिखाई दे रहा है ।

Mint के अनुसार, बैंकिंग शेयरों में तेज रैली हुई; IDFC First Bank ने 7%, FA सेक्टर ~2%, PSU बैंक ~0.6% तक वृद्धि दर्ज की ।

 

निष्कर्ष और आगे की राह

RBI की भावी नीतियाँ निर्भर करेंगी आर्थिक आंकड़ों (मुद्रास्फीति, विकास) पर — इसे “न्यूट्रल” रुख में शिफ्ट कर दिया गया है ।

बैंकिंग सेक्टर को अगले हफ्तों में अधिक फायदा मिल सकता है, खासकर चालू जून में—तकनीकी विश्लेषण में एग्रेसिव ब्रेकआउट संकेत हैं ।

बाजार भरपूर तरलता, सस्ती उधारी, और भू-आर्थिक समर्थन के साथ, निवेशकों को “बाय ऑन डिप्स” रणनीति पर विचार करना चाहिए ।

 

इस प्रकार, RBI द्वारा 6 जून 2025 को की गई दोहरी राहत—रेपो और CRR में कटौती—ने Bank Nifty को ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचाया, पूरे शेयर बाजार में बुल-बाजार की लहर फिर से जगी, जिसके प्रभाव अगले सप्ताह तक भी बने रहने की संभावना है।

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