India bans import of many Bangladeshi products from land ports
भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले कुछ उत्पादों जैसे फल, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड फूड, कॉटन, प्लास्टिक और लकड़ी के फर्नीचर को नॉर्थ ईस्ट के ज़मीनी बंदरगाहों (लैंड पोर्ट्स) के जरिए देश में लाने पर रोक लगा दी है। यह फैसला विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने लिया है और इसके लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
अब बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स केवल न्हावा शेवा (मुंबई) और कोलकाता बंदरगाह से ही भारत में मंगाए जा सकेंगे। बाकी लैंड पोर्ट्स से इनकी एंट्री प्रतिबंधित कर दी गई है।
कुछ चीजों को मिली छूट
हालांकि मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और क्रस्ट स्टोन जैसे सामानों को इन बंदरगाहों के जरिए मंगाने की अनुमति दी गई है। यह पाबंदियां भारत की आयात नीति में तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई हैं। ये प्रतिबंध नेपाल और भूटान के लिए ट्रांजिट के रूप में इस्तेमाल होने वाले सामानों पर लागू नहीं होंगे।
पहले ट्रांसशिपमेंट सुविधा भी रद्द की गई थी
भारत ने अप्रैल 2025 में बांग्लादेश को दी जा रही ट्रांसशिपमेंट सुविधा भी खत्म कर दी थी, जिससे बांग्लादेश भारतीय बंदरगाहों और दिल्ली एयरपोर्ट के जरिए यूरोप और मिडिल ईस्ट को माल भेज सकता था।
बांग्लादेश ने 2023 में 38 अरब डॉलर के रेडीमेड कपड़े एक्सपोर्ट किए थे, जिनमें से 700 मिलियन डॉलर भारत में आए थे — और उनमें से 93% लैंड पोर्ट्स से आए थे। भारतीय निर्यातक लंबे समय से इस तरह के आयात पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि भी है कारण
कुछ महीने पहले बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने चीन में बयान दिया था कि भारत का नॉर्थ-ईस्ट हिस्सा ‘लैंड लॉक्ड’ है और बांग्लादेश ही उसकी समुद्र तक पहुंच का इकलौता जरिया है। इस पर भारत के अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने आपत्ति जताई थी।
इसके अलावा, अगस्त 2024 में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ली। इसके बाद बनी अंतरिम सरकार के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ने लगे। बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियां और पाकिस्तान के साथ नज़दीकियां बढ़ने लगीं, जिससे भारत ने अब कड़े कदम उठाए हैं।