8वें वेतन आयोग पर व्यापक स्थिति ,केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की प्रतीक्षा जारी
8वें वेतन आयोग पर व्यापक स्थिति ,केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की प्रतीक्षा जारी
- स्थिति का परिचय
वर्तमान में देश के लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी इस बात का इंतज़ार कर रहे हैं कि 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) कब गठित होगा और उससे मिलने वाली सैलरी वृद्धि कब से लागू होगी। कर्मचारी संगठन के नेता और पेंशनभोगी एक जैसी चिंता व्यक्त कर रहे हैं: सरकार ने अभी तक आयोग के गठन की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है और न ही Terms of Reference (ToR) तय हुए हैं ।
- पिछले आयोगों की समय-सीमा
6वाँ आयोग: अक्टूबर 2006 → मार्च 2008 रिपोर्ट → अगस्त 2008 लागू।
7वाँ आयोग: फरवरी 2014 → नवंबर 2015 रिपोर्ट → जुलाई 2016 लागू।
इन दोनों मामलों में आम तौर पर सिफारिशों के निर्माण और लागू होने तक 2 से 2.5 साल का समय लगा ।
इस डेटा के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है कि अगर 8वां आयोग आज नहीं गठित हुआ, तो उसकी रिपोर्ट और लागू होने तक की प्रक्रिया 2028 तक खिंच सकती है।
- 2026 की समय-सीमा पर संशय
सरकार की ओर से अक्सर जनवरी 2026 के समय-सीमा का ज़िक्र किया जा रहा है, लेकिन अब यह समय तय नहीं लगता। जैसे-जैसे 2025 का मध्यकाल निकल रहा है और आयोग गठन का कोई संकेत नहीं मिल रहा, वकीलों का गणना है कि जनवरी 2026 से लागू करना संभव नहीं ।
- आर्थिक दबाव — एक प्रमुख बाधा
सरकार का सामना आज वित्तीय दबावों से है — बजट संतुलन, लोक-कल्याणकारी योजनाओं की लागत और चुनावी घोषणाएं इसके लिए बाधक साबित हो सकती हैं। इसलिए वेतन वृद्धि जैसी भारी वित्तीय जिम्मेदारी को लागू करने में सतर्कता बरती जा रही है।
- फिटमेंट फैक्टर पर चर्चा
फिटमेंट फैक्टर वह प्रमुख गुणांक है, जिसके आधार पर मौजूदा वेतन बढ़ाकर नया बेसिक वेतन — यानी मूल वेतन (basic pay) — तय होता है।
7वें आयोग में यह 2.57 था, जिससे न्यूनतम मूल वेतन ₹7,000 से ₹18,000 तक पहुँचा।
वर्तमान में चर्चा है कि फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच रखा जा सकता है ।
यदि इसे फैक्टर 2.7 पर करें, तो न्यूनतम वेतन लगभग ₹40,000 हो सकता है; और 2.86 पर जाएँ, तो ₹51,000 से ऊपर भी मिल सकता है ।
- DA को बेसिक पे में विलय करना
ज्ञात है कि इस बार Dearness Allowance (DA) को basic pay में मिला देने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है, जिससे कुल वेतन संरचना में बदलाव आ सकता है। इससे शुरुआती लाभ मिलने की आशा है, पर यह लंबे समय के लिए क्या प्रभाव डालेगा, इस पर अभी बहस जारी है ।
- पेंशन और अन्य मांगें
आज की प्रतीक्षा में पेंशनभोगी भी शामिल हैं। कर्मचारियों के संगठनों की ओर से यह माँगे उठ रही हैं:
lowest wage को परिवार के 5 सदस्य के आधार पर तय करना,
DA का 50% basic के साथ जोड़ना,
commuted pension को 12 वर्षों में बहाल करना (सामान्य तौर से 15 वर्षा में होती है),
और पेंशन पुनरीक्षण हर पाँच वर्ष में होना चाहिए ।
- संभावित समय-रेखा
यदि आयोग 2025 के अंत तक गठित हो जाता है:
रिपोर्ट की तैयारी में 1.5 से 2 साल (2027–28 तक),
रिपोर्ट की मंजूरी में अतिरिक्त 6–8 महीने,
तो लागू होना जनवरी 2028 से संभव हो सकता है ।
अगर सरकार चाहे तो ब्याज सहित arrears को retrospective effect से जनवरी 2026 से लागू करके भुगतान कर सकती है — जैसा 7वें आयोग में हुआ था।
- निष्कर्ष: इंतज़ार और उम्मीदों का संतुलन
कुल मिलाकर, जनवरी 2026 की समय-सीमा अब भविष्य-दूर लगती है।
कर्मचारी और पेंशनभोगी 2028 तक नई सैलरी की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
रखा गया Fitment Factor, DA का विलय, और व्यापक परिवर्तन — इस सब पर आयोग के गठन तक स्थिति अस्पष्ट है।
आज की स्थिति में राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजकोषीय स्थिति पर निर्भर करेगा कि नई वेतन संरचना को कितना जल्दी लागू किया जा सकता है।
संक्षेप में, वर्तमान में 8वें वेतन आयोग की घोषणा न होना, आर्थिक दबावों, और पिछले आयोगों के अनुभवों की तुलना से स्पष्ट है कि जनवरी 2026 से वेतन वृद्धि असंभव लगती है। कर्मचारी–पेंशनभोगी संगठनों की ओर से कई मांगें हैं, लेकिन सरकार की ओर से वित्तीय मजबूरी और ToR तय न होना इन सबको अभी बाधित कर रहा है। 2025 के अंत तक आयोग का गठन भी होने पर, सिफारिशें लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है; और यह तय करेगा कि Fitment Factor क्या होगा, DA का क्या होगा, और आरिहित माँगों को किस रूप में मान्यता मिलेगी।