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भारत के मसाला निर्यात ने FY25 में बनाया नया रिकॉर्ड, 4.72 अरब डॉलर की कमाई

भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में मसाला निर्यात के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस साल मसाला निर्यात 4.72 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 4.46 अरब डॉलर की तुलना में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वैश्विक बाजारों में जीरा, हल्दी, मसाला तेल, और काली मिर्च जैसे उत्पादों की बढ़ती मांग ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, मिर्च का निर्यात मूल्य में 11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.34 अरब डॉलर रहा, लेकिन मात्रा में 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह जानकारी द हिंदू बिजनेसलाइन की एक हालिया रिपोर्ट से सामने आई है।

 

मिर्च: सबसे बड़ा मसाला, फिर भी चुनौतियां

मिर्च भारत के मसाला निर्यात में सबसे बड़ा हिस्सा रखता है, जो कुल निर्यात का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। FY25 में मिर्च का निर्यात मूल्य में 1.50 अरब डॉलर से घटकर 1.34 अरब डॉलर हो गया, लेकिन निर्यात मात्रा 6.01 लाख टन से बढ़कर 7.15 लाख टन हो गई। कीमतों में गिरावट के कारण मूल्य में कमी आई, लेकिन मांग में वृद्धि ने मात्रा को बढ़ाया। मिर्च के प्रमुख आयातक देशों में चीन और अमेरिका शामिल हैं, जहां क्रमशः 409.44 मिलियन डॉलर और 96.38 मिलियन डॉलर का निर्यात FY23 में दर्ज किया गया था।

 

जीरा और हल्दी की शानदार वृद्धि

जीरा, मसाला निर्यात में दूसरा सबसे बड़ा उत्पाद, ने 5 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ 732.35 मिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज किया। इसकी मात्रा 5.79 लाख टन से बढ़कर 6.17 लाख टन हो गई। वहीं, हल्दी ने 51 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि के साथ 341 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, और इसकी मात्रा 1.62 लाख टन से बढ़कर 1.76 लाख टन हो गई। मसाला तेल और ओलियोरेसिन ने भी 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 535.92 मिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज किया, जबकि उनकी मात्रा 12 प्रतिशत बढ़कर 4.53 लाख टन हो गई।

 

अन्य मसालों का प्रदर्शन

काली मिर्च ने 40 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ 124.54 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, और इसकी मात्रा 16 प्रतिशत बढ़कर 20,830 टन हो गई। छोटी इलायची ने 53 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के साथ 184.65 मिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज किया, और इसकी मात्रा 9 प्रतिशत बढ़कर 6,727 टन हो गई। करी पाउडर और पेस्ट ने 17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 247.59 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि पुदीना उत्पादों ने मामूली वृद्धि के साथ 417.8 मिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज किया।

 

वैश्विक मांग और निर्यात के गंतव्य

भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है, 200 से अधिक देशों में अपने मसाले निर्यात करता है। FY25 में (फरवरी 2025 तक), शीर्ष 10 गंतव्यों—चीन, अमेरिका, यूएई, बांग्लादेश, थाईलैंड, मलेशिया, यूके, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, और जर्मनी—ने कुल निर्यात आय का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लिया। चीन ने 610.05 मिलियन डॉलर और अमेरिका ने 594.82 मिलियन डॉलर के मसाले आयात किए।

 

भविष्य की योजनाएं और लक्ष्य

भारत ने अपने मसाला निर्यात को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 2030 तक 10 अरब डॉलर और 2047 तक 25 अरब डॉलर का लक्ष्य शामिल है। सरकार की नीतियों, जैसे उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं, और किसानों व एमएसएमई के सशक्तिकरण ने इस क्षेत्र को मजबूती दी है।

 

निष्कर्ष

FY25 में मसाला निर्यात की यह उपलब्धि भारत की वैश्विक व्यापार में बढ़ती ताकत को दर्शाती है। मिर्च जैसे प्रमुख मसालों में चुनौतियों के बावजूद, जीरा, हल्दी, और काली मिर्च जैसे उत्पादों ने मजबूत प्रदर्शन किया। सरकार और उद्योग की संयुक्त कोशिशों से भारत न केवल “मसालों का देश” बना हुआ है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा मसाला निर्यातक बनकर उभरा है।

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