अजीम प्रेमजी ट्रस्ट ने विप्रो के 20.23 करोड़ शेयर बेचे, 5057 करोड़ रुपये का ब्लॉक डील
बेंगलुरु: भारत की प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो के प्रमोटर अजीम प्रेमजी ट्रस्ट ने 9 जून 2025 को एक बड़े ब्लॉक डील के माध्यम से कंपनी के 20.23 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे, जिनकी कुल कीमत 5057 करोड़ रुपये से अधिक है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, यह सौदा औसतन 250 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर हुआ। यह हिस्सेदारी कंपनी में 1.93% हिस्सेदारी के बराबर है और इसे प्रमोटर समूह की संस्थाओं के बीच हस्तांतरित किया गया। इस सौदे के बाद मंगलवार, 10 जून 2025 को विप्रो के शेयरों पर बाजार की नजर रहेगी।
इस ब्लॉक डील में शेयरों की खरीदारी तीन प्रमोटर समूह की संस्थाओं—हाशम ट्रेडर्स, प्राजिम ट्रेडर्स और प्राजिम ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड—द्वारा की गई। हाशम ट्रेडर्स ने 11.9 करोड़ शेयर, प्राजिम ट्रेडर्स ने 5.95 करोड़ शेयर और प्राजिम ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट ने 2.38 करोड़ शेयर खरीदे, सभी 250 रुपये प्रति शेयर की दर से। यह सौदा ओपन मार्केट ट्रांजेक्शन के जरिए हुआ और इसे मुख्य रूप से प्रमोटर समूह के भीतर शेयरों का हस्तांतरण माना जा रहा है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यह सौदा अजीम प्रेमजी ट्रस्ट की दीर्घकालिक पूंजी आवंटन और परोपकारी रणनीति का हिस्सा है, न कि कंपनी के प्रति विश्वास में कमी का संकेत।
विप्रो के शेयरों ने इस खबर से पहले सोमवार को मामूली तेजी दिखाई। बीएसई पर शेयर 1% की बढ़त के साथ 251.3 रुपये पर और एनएसई पर 1.2% की बढ़त के साथ 251.72 रुपये पर बंद हुए। यह सौदा विप्रो की मजबूत तिमाही नतीजों की पृष्ठभूमि में हुआ है। कंपनी ने मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही में 3570 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही के 2835 करोड़ रुपये की तुलना में 26% अधिक है। हालांकि, आईटी सेवा खंड का राजस्व 2.3% घटकर 2596.5 मिलियन डॉलर रहा।
यह पहली बार नहीं है जब अजीम प्रेमजी ट्रस्ट ने विप्रो के शेयरों में बड़ा लेनदेन किया हो। नवंबर 2024 में, प्राजिम ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी ने 8.49 करोड़ शेयर (1.6% हिस्सेदारी) 4757 करोड़ रुपये में खरीदे थे, जबकि प्राजिम ट्रेडर्स और जाश ट्रेडर्स ने समान संख्या में शेयर बेचे थे। इसके अलावा, 2019 में ट्रस्ट ने 2.66 करोड़ शेयर बेचे थे, जिसका मूल्य लगभग 682 करोड़ रुपये था। ये लेनदेन ट्रस्ट की परोपकारी गतिविधियों को समर्थन देने और पूंजी प्रबंधन की रणनीति का हिस्सा माने जाते हैं।
अजीम प्रेमजी, जो भारत के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्तियों में से एक हैं, ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को दान किया है। फोर्ब्स के अनुसार, उनकी वास्तविक समय की नेटवर्थ 12.1 बिलियन डॉलर है। 2019 में, उन्होंने विप्रो के 34% शेयर, जिनका मूल्य 52,750 करोड़ रुपये था, परोपकारी कार्यों के लिए समर्पित किया था। फाउंडेशन मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है और भारत के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और समानता में सुधार के लिए कई राज्यों में सक्रिय है।
विप्रो, जिसकी बाजार पूंजीकरण 2.59 लाख करोड़ रुपये है, भारत की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। हाल के वर्षों में कंपनी ने बड़े सौदे हासिल किए हैं, जिसमें मार्च 2025 में यूके की फीनिक्स ग्रुप के साथ 5567 करोड़ रुपये का 10 साल का अनुबंध शामिल है। हालांकि, कंपनी ने वैश्विक व्यापार नीतियों और अमेरिकी आव्रजन कानूनों में बदलाव के कारण राजस्व पर संभावित नकारात्मक प्रभाव की चेतावनी भी दी है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्लॉक डील विप्रो के शेयरों पर अल्पकालिक दबाव डाल सकता है, लेकिन कंपनी के मजबूत बुनियादी ढांचे और दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं को देखते हुए इसका प्रभाव सीमित रहेगा। निवेशकों की नजर अब मंगलवार के कारोबारी सत्र पर होगी, जहां शेयरों की गतिविधियों से सौदे का असर स्पष्ट होगा।