ITR में गलत जानकारी देने से बचें: 200% जुर्माना और 12% ब्याज का हो सकता है बोझ
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने का समय नजदीक आ रहा है, और करदाताओं के लिए यह जरूरी है कि वे सटीक और पूरी जानकारी प्रदान करें। आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि ITR में गलत या अधूरी जानकारी देने पर कठोर दंड और ब्याज का सामना करना पड़ सकता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए, ITR में गलत जानकारी देने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 271(1)(c) के तहत कर छिपाने की राशि का 200% तक जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा, देर से भुगतान पर धारा 234A और 234B के तहत 12% वार्षिक ब्याज (1% प्रति माह) भी देना पड़ सकता है। यह चेतावनी आयकर विभाग की बढ़ती सख्ती और डिजिटल निगरानी की क्षमता को दर्शाती है।
गलत जानकारी के परिणाम
ITR में गलत जानकारी देना, जैसे आय को कम दिखाना, गलत कटौती का दावा करना, या निवेश का खुलासा न करना, आयकर विभाग के रडार पर आ सकता है। विभाग अब फॉर्म 26AS, एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS), और टैक्सपेयर इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (TIS) के माध्यम से करदाताओं की आय, लेनदेन और निवेश की विस्तृत जानकारी एकत्र करता है। उदाहरण के लिए, बैंक ब्याज, डिविडेंड, शेयर बिक्री, या क्रिप्टोकरेंसी से आय को छिपाने पर विभाग आसानी से पकड़ सकता है। धारा 271(1)(c) के तहत, यदि करदाता जानबूझकर आय छिपाता है, तो कर राशि का 100% से 200% तक जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा, धारा 234A के तहत देर से रिटर्न दाखिल करने पर 1% मासिक ब्याज और धारा 234B के तहत अपर्याप्त अग्रिम कर भुगतान पर भी 1% मासिक ब्याज लागू होता है।
सही जानकारी देना क्यों जरूरी?
आयकर विभाग ने ITR फॉर्म में कई बदलाव किए हैं, जिससे करदाताओं को अपनी आय, निवेश, और कटौतियों की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। उदाहरण के लिए, कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग के लिए ITR-2 में नया कॉलम जोड़ा गया है, जिसमें 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की संपत्ति बिक्री को अलग-अलग दिखाना होगा। इसी तरह, क्रिप्टोकरेंसी से आय को अनुसूची VDA (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स) में अलग से प्रकट करना जरूरी है। गलत जानकारी देने पर न केवल जुर्माना और ब्याज का जोखिम है, बल्कि रिटर्न को ‘दोषपूर्ण’ माना जा सकता है, जिसके लिए धारा 139(8A) के तहत नोटिस जारी हो सकता है। इसके अलावा, गंभीर मामलों में धारा 276C के तहत आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है।
जरूरी दस्तावेज और सावधानियां
ITR दाखिल करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करना महत्वपूर्ण है। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, फॉर्म 16 (वेतनभोगियों के लिए), फॉर्म 26AS, AIS/TIS, और बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं। यदि फॉर्म 16 उपलब्ध नहीं है, तो वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट, और फॉर्म 26AS का उपयोग किया जा सकता है। पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनने वालों को फॉर्म 10-IEA भरना अनिवार्य है। कर छूट का दावा करने के लिए धारा 80C (PPF, ELSS, जीवन बीमा), 80D (मेडिकल इंश्योरेंस), और 24B (होम लोन ब्याज) के तहत सभी प्रमाण पत्र तैयार रखें। क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को ट्रेडिंग स्टेटमेंट और लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होगा। गलत फॉर्म चुनने या अधूरी जानकारी देने से बचने के लिए सही ITR फॉर्म (ITR-1 से ITR-7) का चयन करें।
समय सीमा और सत्यापन
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, लेकिन देर से दाखिल करने की सुविधा 31 दिसंबर 2025 तक उपलब्ध है, जिसमें 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। रिटर्न दाखिल करने के बाद, इसे आधार OTP, EVC, या ITR-V की हस्ताक्षरित प्रति CPC बेंगलुरु भेजकर 120 दिनों के भीतर सत्यापित करना अनिवार्य है। ITR-U फॉर्म, जो 19 मई 2025 को पेश किया गया, पिछले चार वर्षों की गलतियों को सुधारने का अवसर देता है।
निष्कर्ष
ITR में सटीक जानकारी देना न केवल कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करता है, बल्कि भारी जुर्माने और ब्याज से भी बचाता है। आयकर विभाग की डिजिटल निगरानी और नए नियमों के साथ, करदाताओं को सावधानी बरतनी चाहिए। समय से पहले दस्तावेज तैयार करें, सही फॉर्म चुनें, और जरूरत पड़ने पर कर विशेषज्ञ से सलाह लें।