IREDA के शेयरों में 2% की गिरावट: 5,000 करोड़ रुपये के QIP को बोर्ड की मंजूरी के बाद निवेशकों में निराशा
6 जून 2025 को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के शेयरों में 2.3% की गिरावट देखी गई, जो BSE पर इंट्राडे में 172.4 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया। यह गिरावट कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा 5,000 करोड़ रुपये के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) को मंजूरी देने और इसके लिए फ्लोर प्राइस 173.83 रुपये प्रति शेयर तय करने के बाद आई। यह कीमत पिछले दिन के बंद भाव 176.5 रुपये से 1.5% कम थी, जिसने निवेशकों में निकट अवधि में सीमित वृद्धि की संभावना को लेकर निराशा पैदा की। QIP की शुरुआत 5 जून 2025 को पात्र संस्थागत खरीदारों के लिए खोली गई थी। इस खबर के बाद, सुबह 9:46 बजे तक IREDA के शेयर BSE पर 1.44% नीचे 173.95 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जबकि कंपनी का बाजार पूंजीकरण 46,713.35 करोड़ रुपये था।
QIP का विवरण और उद्देश्य
IREDA, जो नव रत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण में है, ने जनवरी 2025 में अपने बोर्ड की बैठक में 5,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए QIP को मंजूरी दी थी। फरवरी 2024 में आयोजित 22वीं असाधारण आम बैठक (EGM) में शेयरधारकों ने इस प्रस्ताव को विशेष संकल्प के साथ मंजूरी दी थी। QIP के तहत इक्विटी शेयरों का यह इश्यू एक या एक से अधिक चरणों में होगा, जिसमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 75% से 7% तक कम होने की संभावना है। कंपनी ने QIP प्रक्रिया के लिए IDBI कैपिटल मार्केट सर्विसेज, BNP परिबास, SBI कैपिटल मार्केट्स, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज और मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया है। इस पूंजी का उपयोग IREDA की हरित वित्तपोषण क्षमताओं को बढ़ाने, ऋण पुस्तिका के विकास को तेज करने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों, जैसे 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने में योगदान देने के लिए किया जाएगा।
IREDA का वित्तीय प्रदर्शन
IREDA ने वित्तीय वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया। कंपनी का शुद्ध लाभ 27% बढ़कर 425.38 करोड़ रुपये और परिचालन से कुल राजस्व 35.6% बढ़कर 1,698.45 करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध ब्याज आय (NII) में 39% की वृद्धि देखी गई, जो 622.3 करोड़ रुपये रही। हालांकि, परिचालन मार्जिन 330 बेसिस पॉइंट्स गिरकर 30.42% हो गया, और सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) सितंबर 2024 के 2.19% से बढ़कर 2.68% हो गईं, जबकि शुद्ध NPA 1.04% से 1.5% हो गया। IREDA के CMD प्रदीप कुमार दास ने CNBC-TV18 को बताया कि NPA में वृद्धि एक बायो-एनर्जी खाते के कारण हुई, लेकिन इसे भविष्य में कम करने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 49% बढ़कर 501.55 करोड़ रुपये और परिचालन राजस्व 37% बढ़कर 1,905.06 करोड़ रुपये रहा।
बाजार की प्रतिक्रिया और शेयर प्रदर्शन
QIP के फ्लोर प्राइस की घोषणा के बाद निवेशकों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही। 173.83 रुपये की फ्लोर प्राइस को बाजार मूल्य के करीब होने के कारण सीमित वृद्धि की संभावना के रूप में देखा गया, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ा। IREDA के शेयरों ने अपने IPO मूल्य 32 रुपये से 655% की शानदार वृद्धि दर्ज की थी, जो जुलाई 2024 में 310 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, 2025 में शेयर 20% गिर चुका है, जो निफ्टी 50 के 5% की गिरावट से कमजोर प्रदर्शन को दर्शाता है। 52-सप्ताह का निचला स्तर 137 रुपये और उच्च स्तर 310 रुपये रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
IREDA की QIP पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, शेयरों में हाल की गिरावट और परिसंपत्ति गुणवत्ता में मामूली गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि QIP से प्राप्त पूंजी कंपनी की ऋण क्षमता को बढ़ाएगी, लेकिन शेयरधारकों के लिए अल्पकालिक अस्थिरता बनी रह सकती है।
निष्कर्ष
IREDA के 5,000 करोड़ रुपये के QIP की घोषणा ने शेयर बाजार में अस्थायी दबाव पैदा किया है, लेकिन कंपनी का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाएं इसे दीर्घकालिक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाए रखती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें।