केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) सुधार 2025: एक विस्तृत रिपोर्ट
केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह योजना लगभग 42 लाख लाभार्थियों को कवर करती है। 2025 में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस योजना को आधुनिक और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए सात बड़े सुधार लागू किए। इन सुधारों का केंद्र बिंदु नया स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) पोर्टल और मोबाइल ऐप है, जो प्रक्रियाओं को डिजिटल, पारदर्शी और कुशल बनाने का लक्ष्य रखता है। नया Health Management Information System (HMIS) पोर्टल तथा Android/iOS मोबाइल ऐप ‘myCGHS 2.0’ आरंभ किया गया। जिनका उद्देश्य लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुगम, पारदर्शी और कुशल बनाना है। इन बदलावों में पैन-आधारित ID, ऑनलाइन भुगतान, तेज़ स्वीकृति प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं। अब CGHS कार्ड डाउनलोड करना, अपॉइंटमेंट बुकिंग, रिपोर्ट देखना, कार्ड ट्रांसफर और डिपेंडेंट जोड़ना, कुछ ही क्लिक में हो सकता है, भौतिक केंद्र वाले लंबी कतार की जगह डिजिटल सुविधा दी गई ।
यह लेख इन परिवर्तनों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है और बताता है कि ये बदलाव CGHS सदस्यों के लिए कैसे फायदेमंद साबित होंगे।
CGHS के 2025 के प्रमुख सुधार
- पैन-आधारित विशिष्ट पहचान प्रणाली
CGHS लाभार्थियों के लिए अब पैन (स्थायी खाता संख्या) आधारित विशिष्ट पहचान प्रणाली लागू की गई है। प्रत्येक लाभार्थी का पैन नंबर उनके CGHS आईडी से www.cghs.mohfw.gov.in पोर्टल पर जोड़ा जाता है। CGHS ने अब पैन कार्ड को आधार बनाकर नई सदस्यता ID जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रणाली डुप्लिकेट रिकॉर्ड्स को समाप्त करती है, धोखाधड़ी को कम करती है और परिवार के चिकित्सा रिकॉर्ड्स को एक ही पहचान के तहत समेकित करती है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों को अपना पैन लिंक करना अनिवार्य है, जिससे पात्रता सत्यापन आसान और डेटा की सटीकता बढ़ती है। यह पुरानी रिकॉर्ड त्रुटियों को दूर करने में महत्वपूर्ण है। इससे पहले, CGHS कार्ड केवल आधार या अन्य दस्तावेजों के आधार पर जारी किए जाते थे।
लाभ: फर्जी या दोहरी प्रविष्टियाँ रोकी जा सकेंगी। परिवार के सदस्यों का डेटा एक जगह उपलब्ध होगा और सत्यापन प्रक्रिया सरल होगी। इससे धोखाधड़ी कम होगी और सदस्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। नए सदस्यों को तेज़ी से कार्ड मिलेंगे।
- डिजिटल HMIS पोर्टल और मोबाइल ऐप
लॉन्च किए गए HMIS पोर्टल और myCGHS मोबाइल ऐप (एंड्रॉइड और iOS पर उपलब्ध) ने 2005 के पुराने CGHS सॉफ्टवेयर को प्रतिस्थापित किया है। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) द्वारा विकसित यह मंच लाभार्थियों को अपॉइंटमेंट बुक करने, ई-कार्ड डाउनलोड करने, चिकित्सा रिपोर्ट देखने और विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श करने की सुविधा देता है। इससे CGHS वेलनेस सेंटरों पर शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता कम होती है, खासकर पेंशनभोगियों और कम तकनीकी ज्ञान वाले वरिष्ठों के लिए। उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस और मजबूत साइबरसुरक्षा डेटा सुरक्षा और पहुंच को बढ़ाते हैं। CGHS ने अपनी ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को और अधिक उन्नत बनाया है। अब लाभार्थी:CGHS पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से विभिन्न सेवाओं का भुगतान कर सकते हैं। मेडिकल बिलों का ऑनलाइन भुगतान सीधे किया जा सकता है, जिससे अस्पतालों में लंबी कतारों से बचा जा सकेगा। सदस्यता शुल्क, दवाइयों का बिल और अन्य चार्ज भी ऑनलाइन जमा किए जा सकेंगे।
- पासवर्ड रीसेट और सुरक्षित लॉगिन
पोर्टल पर पहली बार लॉगिन करते समय सभी उपयोगकर्ताओं को पासवर्ड रीसेट करना अनिवार्य होगा, जो साइबर सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप है ।
लाभ: ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा उल्लंघन जैसी घटनाओं से सुरक्षा बढ़ती है।
- तेज़ स्वीकृति प्रक्रिया (Fast Approval System)
CGHS ने मेडिकल क्लेम और रिइम्बर्समेंट प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए एक नई ऑटो-अप्रूवल प्रणाली शुरू की है। इसके तहत:
छोटे दावों (₹10,000 तक) को स्वचालित रूप से मंजूरी दी जाएगी।
डिजिटल डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन से प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।
अस्पतालों के साथ सीधा डेटा लिंकेज होने से गलत दावों पर रोक लगेगी।
- चिकित्सा उपकरणों के लिए ऑनलाइन स्वीकृति: CPAP, BiPAP, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
अब श्वसन संबंधी उपकरणों जैसे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, CPAP, और BiPAP जैसे महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की स्वीकृति प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन है। पहले इस प्रक्रिया में 20 दिनों तक की देरी और कई सेंटर विजिट्स की आवश्यकता होती थी। HMIS पोर्टल के माध्यम से अब स्वीकृति 5 दिनों में मिल जाती है। लाभार्थी डिजिटल रूप से आवेदन जमा और ट्रैक कर सकते हैं, जो श्वसन संबंधी समस्याओं वाले मरीजों जैसे तत्काल जरूरतमंदों के लिए जीवन रक्षक है।
- स्वतः सत्यापित डिजिटल भुगतान
CGHS सेवाओं, जैसे सदस्यता और नवीनीकरण, के लिए भुगतान अब HMIS पोर्टल के माध्यम से किए जाते हैं, जो पुराने मैनुअल भारतकोष सिस्टम को बदलता है। स्वतः सत्यापित डिजिटल भुगतान कागजी रसीदों और मैनुअल स्वीकृतियों की आवश्यकता को समाप्त करते हैं, जिससे तत्काल सत्यापन संभव होता है। पुराने सिस्टम से बकाया आवेदन रद्द कर दिए गए, और नए पोर्टल पर पुनः आवेदन करना पड़ा। यह सुधार पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाता है।
- डिजिटल भुगतान: Bharat Kosh/PFMS के साथ Auto‑Verification
CGHS सदस्य सिर्फ नए HMIS पोर्टल (www.cghs.mohfw.gov.in) पर ही शुल्क भुगतान कर सकते हैं; पुराने Bharat Kosh पोर्टल का उपयोग बंद कर दिया गया ।
लाभ: यह भुगतान तत्काल सत्यापित हो जाता है, रसीद संभालने की जरूरत नहीं, और रिफंड व त्रुटियों के मामले न्यूनतम हो गए हैं।
- ई-रेफरल सिस्टम (डिजिटल रेफरल प्रक्रिया)
अब CGHS बेनिफिशियरीज़ को डिजिटल रेफरल सिस्टम के जरिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भेजा जाएगा। इससे:
मैनुअल रेफरल की आवश्यकता खत्म होगी।
तेज़ी से विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम से समय की बचत होगी।
- वास्तविक समय में SMS और ईमेल सूचनाएं
लाभार्थियों को अब आवेदन स्थिति, स्वीकृति और भुगतान की पुष्टि के लिए तत्काल SMS और ईमेल अलर्ट प्राप्त होते हैं। यह सुविधा बार-बार CGHS कार्यालयों से संपर्क की आवश्यकता को कम करती है, विशेष रूप से बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए उपयोगी है ऑनलाइन आवेदन पर नज़र रख सकते हैं; वरिष्ठ नागरिकों को कॉल-फ़ॉलोअप से बचने में मदद मिलेगी। यह उपयोगकर्ता विश्वास और सिस्टम के साथ जुड़ाव को बढ़ाता है।
- CGHS ऐप में नई सुविधाएँ
CGHS ने अपने मोबाइल ऐप को अपग्रेड किया है, जिसमें निम्नलिखित सुविधाएँ जोड़ी गई हैं:
दवाइयों का ऑर्डर और होम डिलीवरी का विकल्प।
लैब टेस्ट रिपोर्ट्स की ऑनलाइन एक्सेसिबिलिटी।
डॉक्टरों के साथ वीडियो कंसल्टेशन की सुविधा।
- बेहतर ग्रिवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म
CGHS ने शिकायत निवारण प्रणाली को सुधारा है, जिसमें:
24×7 हेल्पलाइन नंबर और चैटबॉट सपोर्ट शुरू किया गया है।
शिकायतों का रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगा।
15 दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया गया है।
- बढ़ी हुई पहुंच और पारदर्शिता
ये सुधार CGHS को कागज रहित और परेशानी मुक्त बनाते हैं। ई-रेफरल, वास्तविक समय में ट्रैकिंग, और एकीकृत हेल्पडेस्क जैसी सुविधाएं कतारों को कम करती हैं और कार्ड संशोधन जैसे प्रक्रियाओं को सरल बनाती हैं। यह 1500 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों और डिस्पेंसरियों को लाभ पहुंचाता है और भारत के डिजिटल शासन लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
- वेलनेस कार्यक्रम और निवारक स्वास्थ्य देखभाल
CGHS अब वेलनेस प्रोग्राम के तहत सदस्यों को नियमित स्वास्थ्य जाँच और निवारक देखभाल सुविधाएँ प्रदान करेगा, जैसे:
निःशुल्क हेल्थ चेक-अप कैंप।
योग और आयुर्वेदिक परामर्श की सुविधा।
क्रोनिक बीमारियों के लिए विशेष मॉनिटरिंग।
- अन्य डिजिटल सुविधाएँ
कार्ड और विवरण परिवर्तन: कार्ड ट्रांसफर, डिपेंडेंट जोड़ना या वर्ग परिवर्तन (उदाहरण: कर्मचारी से पेंशनर) अब पूरी तरह डिजिटल हैं ।
पाओ/डी.डी.ओ कोड आधारित पहचान: पगार स्लिप के PAO/DDO कोड से स्वचालित सत्यापन होता है, जिससे विभागीय सत्यापन सही ढंग से होता है ।
चुनौतियां
प्रगति के बावजूद, CGHS को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लोक लेखा समिति (PAC) ने दवा खरीद नीति को नियमित रूप से संशोधित न करने की आलोचना की, जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए दवाओं की कमी हुई। 2022 में अंतिम बार अपडेट किया गया दवा फॉर्मुलरी तीन साल से अपरिवर्तित है, जो छमाही संशोधन की सिफारिशों को नजरअंदाज करता है। इसके अलावा, कम प्रतिपूर्ति दरों के कारण कई पंजीकृत अस्पतालों ने योजना से बाहर निकलने का फैसला किया, जिससे गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुंच सीमित हो सकती है। मंत्रालय मुद्रास्फीति और अस्पतालों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए दरों को संशोधित कर रहा है।
लाभार्थियों पर प्रभाव
2025 के सुधार CGHS अनुभव को बेहतर बनाते हैं:
दक्षता: तेज स्वीकृतियां और डिजिटल प्रक्रियाएं प्रतीक्षा समय और नौकरशाही बाधाओं को कम करती हैं।
पहुंच: मोबाइल ऐप और पोर्टल दूरस्थ स्वास्थ्य प्रबंधन को सक्षम करते हैं, विशेष रूप से पेंशनभोगियों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए।
पारदर्शिता: वास्तविक समय सूचनाएं और केंद्रीकृत रिकॉर्ड विश्वास और जवाबदेही बढ़ाते हैं।
निष्पक्षता: पैन-आधारित प्रणाली धोखाधड़ी को समाप्त कर निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करती है।
ये बदलाव शहरी और ग्रामीण लाभार्थियों दोनों को लाभ पहुंचाते हैं, हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता और बुनियादी ढांचे की कमी चुनौती बनी हुई है।
भविष्य की संभावनाएं
CGHS सुधार भारत में डिजिटल स्वास्थ्य रुझानों, जैसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, के साथ संरेखित हैं। HMIS मंच स्केलेबल और सुरक्षित स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए एक मिसाल कायम करता है। हालांकि, निरंतर सफलता के लिए निम्नलिखित आवश्यक हैं:
दवा फॉर्मुलरी और उपचार दरों का नियमित अपडेट।
पंजीकृत अस्पतालों के नेटवर्क का विस्तार।
बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम।
HMIS पोर्टल में साइबरसुरक्षा जोखिमों का समाधान।
आठवां वेतन आयोग, जो वेतन और पेंशन में संशोधन करेगा, CGHS अंशदान शुल्क को प्रभावित कर सकता है, जिसका लाभार्थियों की वित्तीय योजना पर असर होगा।
पुराने सिस्टम का बंद होना और डेटा माइग्रेशन
सभी CGHS सेवाएं और वेलनेस सेंटर डेटा माइग्रेशन और सिस्टम सत्यापन के लिए अस्थायी रूप से बंद किए गए। पुराने CGHS वेबसाइट्स बंद कर दी गईं, और सभी सेवाएं नए पोर्टल पर स्थानांतरित की गईं। मास्टर ट्रेनरों को लाभार्थियों और कर्मचारियों की सहायता के लिए तैनात किया गया, जिससे 2005 सॉफ्टवेयर की साइबरसुरक्षा और तकनीकी सीमाओं को दूर करते हुए सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित हुआ है।
निष्कर्ष: CGHS का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
CGHS के ये डिजिटल बदलाव स्वास्थ्य सुविधा को द्रुत, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाते हैं। 2025 के CGHS सुधार डिजिटल, कुशल और उपयोगकर्ता-केंद्रित स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। नए बदलावों के साथ, CGHS ने अपनी सेवाओं को अधिक पारदर्शी, तेज़ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। HMIS पोर्टल और मोबाइल ऐप जैसे उपकरणों के माध्यम से, ये सुधार लंबे समय से चली आ रही अक्षमताओं को दूर करते हैं। पैन-आधारित ID, ऑनलाइन भुगतान, त्वरित स्वीकृति और डिजिटल रेफरल जैसी सुविधाएँ लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएंगी। दवा खरीद और अस्पताल पंजीकरण जैसी चुनौतियों के बावजूद, ये बदलाव लाखों लाभार्थियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करते हैं। निरंतर निगरानी और हितधारकों की प्रतिक्रिया इन सुधारों के दीर्घकालिक लाभ को सुनिश्चित करेगी।
यह परिवर्तन लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों तथा उनके परिवारों को लाभान्वित कर रहे हैं । हालांकि, तकनीकी उपयोगता और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ऑनलाइन सहायता, ट्रेनिंग एवं प्रणाली निगरानी जारी रखी जानी चाहिए।
सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के दृष्टिकोण के अनुरूप है और भविष्य में CGHS को और अधिक कुशल बनाने की ओर इशारा करता है।