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सेबी ने UPI-आधारित ‘एट द रेट पेराइट’ सिस्टम लागू किया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार में निवेशकों के लिए एक नया और सुविधाजनक भुगतान तंत्र शुरू किया है। इस नई प्रणाली को ‘एट द रेट पेराइट’ (At the Rate Pay Right) नाम दिया गया है, जो UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इससे निवेशकों को शेयर खरीदने के लिए त्वरित और सुरक्षित भुगतान करने में मदद मिलेगी।

नई प्रणाली के मुख्य बिंदु
UPI-आधारित भुगतान:

अब निवेशक अपने डीमैट खाते से सीधे UPI के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे।

इससे पारंपरिक बैंक ट्रांसफर या चेक भुगतान की तुलना में लेनदेन तेज और आसान हो जाएगा।

सुरक्षा बढ़ाने का प्रयास:

सेबी ने इस प्रणाली को धोखाधड़ी और साइबर धोखेबाजी से बचाने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए हैं।

UPI के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य किया गया है।

शेयर बाजार के लिए लाभ:

छोटे निवेशकों को लाभ होगा, क्योंकि UPI के जरिए कम राशि के भुगतान भी आसानी से किए जा सकेंगे।

यह प्रणाली IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) और सेकेंडरी मार्केट दोनों में लागू होगी।

कैसे काम करेगा ‘एट द रेट पेराइट’?
निवेशकों को अपने ब्रोकर प्लेटफॉर्म पर UPI का विकल्प चुनना होगा।

UPI ID लिंक करने के बाद, भुगतान की पुष्टि के लिए एक OTP या UPI पिन डालना होगा।

लेनदेन पूरा होते ही शेयर स्वचालित रूप से डीमैट खाते में जमा हो जाएंगे।

निवेशकों के लिए क्या बदलेगा?
तेज लेनदेन: अब शेयर खरीदने के लिए बैंक ट्रांसफर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

कम लागत: चेक या NEFT/RTGS जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में शुल्क कम होगा।

सुविधा: मोबाइल ऐप से ही पेमेंट करके तुरंत ट्रेड कर सकेंगे।

सेबी का लक्ष्य
सेबी का यह कदम डिजिटल इंडिया और फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है। इससे देश में रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। सेबी के अध्यक्ष मधबी पुरी बुच ने कहा कि यह प्रणाली “निवेशकों के अनुभव को सरल और सुरक्षित बनाएगी।”

भविष्य की योजनाएं
सेबी UPI के साथ-साथ ब्लॉकचेन और डिजिटल रुपये (e₹) को भी भविष्य में शेयर बाजार के भुगतान तंत्र में शामिल करने पर विचार कर रहा है।

निष्कर्ष
‘एट द रेट पेराइट’ प्रणाली भारतीय शेयर बाजार को और अधिक पारदर्शी, कुशल और निवेशक-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल लेनदेन को तेज करेगी, बल्कि देश में डिजिटल भुगतान संस्कृति को भी मजबूती देगी।

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