भारत का AI बाजार 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2027 तक यह 17 बिलियन डॉलर (करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये) के आंकड़े को छू सकता है। यह वृद्धि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्टार्टअप इनोवेशन और सरकारी समर्थन के कारण संभव हो रही है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
तेजी से बढ़ता बाजार:
2023 में भारत का AI बाजार लगभग 6 बिलियन डॉलर था, जो 2027 तक 17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
यह 23% की सालाना वृद्धि दर (CAGR) का संकेत देता है, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
प्रमुख ड्राइवर:
क्लाउड कंप्यूटिंग और बड़े डेटा का विस्तार।
5G तकनीक की शुरुआत से AI एप्लीकेशन्स को बढ़ावा मिला है।
सरकारी पहलें जैसे ‘AI for All’ और ‘राष्ट्रीय AI पोर्टल’।
स्टार्टअप इकोसिस्टम में तेजी – भारत में 1,500+ AI स्टार्टअप्स कार्यरत हैं।
सेक्टरवार विकास:
हेल्थकेयर: डायग्नोस्टिक्स, रोबोटिक सर्जरी और डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स में AI का उपयोग बढ़ा है।
फाइनेंस: फ्रॉड डिटेक्शन, क्रेडिट स्कोरिंग और डिजिटल बैंकिंग में AI का प्रभाव।
रिटेल: पर्सनलाइज्ड मार्केटिंग और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में AI टूल्स का इस्तेमाल।
मैन्युफैक्चरिंग: प्रेडिक्टिव मेन्टेनेंस और ऑटोमेशन में AI की भूमिका।
भारत के लिए अवसर और चुनौतियां
अवसर:
रोजगार सृजन: AI से 2025 तक 2.3 मिलियन नौकरियां पैदा हो सकती हैं।
ग्लोबल हब: भारत AI रिसर्च और डेवलपमेंट का केंद्र बन सकता है।
सरकारी प्रोत्साहन: ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाएं AI को सपोर्ट कर रही हैं।
चुनौतियां:
स्किल गैप: AI टैलेंट की कमी एक बड़ी बाधा है।
डेटा प्राइवेसी: सख्त डेटा गवर्नेंस नियमों की आवश्यकता।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट की कमी।
ग्लोबल तुलना
भारत का AI बाजार चीन (2027 तक 150 बिलियन डॉलर) और अमेरिका (300 बिलियन डॉलर) से छोटा है, लेकिन सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार बनने की क्षमता रखता है।
भारत में कॉस्ट एडवांटेज के कारण ग्लोबल कंपनियां अपने AI रिसर्च सेंटर्स यहां स्थापित कर रही हैं।
निष्कर्ष
BCG की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत AI के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर बन सकता है, बशर्ते स्किल डेवलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नीतिगत सहयोग पर ध्यान दिया जाए। सरकार और प्राइवेट सेक्टर की साझेदारी से भारत AI सुपरपावर बनने की राह पर अग्रसर है।
यह विकास न केवल तकनीकी क्षेत्र को बदलेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और ई-गवर्नेंस जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति ला सकता है।