सीजीएचएस में बड़े बदलाव: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नई सुविधाएं
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) में बड़े पैमाने पर सुधार और बदलाव की योजना बनाई जा रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य लाखों लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और मौजूदा व्यवस्था की कमियों को दूर करना है।
सीजीएचएस, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है, में सुधार के तहत नई वेलनेस सेंटर खोलने, मेडिकल स्टाफ की भर्ती, दवाइयों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और अधिक अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की योजना है। इन सुधारों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि लाभार्थियों को समय पर और सुगम सेवाएं मिलें। खास तौर पर, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सीजीएचएस की पहुंच बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
हाल ही में, मंत्रालय ने सीजीएचएस की डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक नया हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) लॉन्च किया है, जो सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा विकसित किया गया है। यह नया प्लेटफॉर्म 28 अप्रैल, 2025 से पूरी तरह लागू हो चुका है, और पुरानी वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है। नया पोर्टल (http://www.cghs.mohfw.gov.in) और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं को बेहतर इंटरफेस और डिजिटल सेवाएं प्रदान करता है। इस बदलाव के लिए 26 अप्रैल, 2025 को सभी सीजीएचएस सेवाएं, जिसमें वेलनेस सेंटर भी शामिल हैं, एक दिन के लिए बंद रहीं।
इसके अलावा, मंत्रालय ने दवाइयों की खरीद और रिइंबर्समेंट प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब लाभार्थी ओपीडी में निर्धारित दवाएं सीधे ओपन मार्केट से खरीद सकते हैं और बिना नॉन-अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (एनएसी) के रिइंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं। यह बदलाव नई एचएमआईएस प्रणाली में तकनीकी समस्याओं के कारण दवाइयों की उपलब्धता में आई बाधाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह कदम विशेष रूप से पेंशनभोगियों और बुजुर्गों के लिए राहतकारी है, जो दवाइयों की कमी से जूझ रहे थे।
सीजीएचएस कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब जिन कर्मचारियों के वेतन से सीजीएचएस का योगदान काटा जा रहा है, उन्हें बिना आवेदन के स्वचालित रूप से कार्ड जारी किया जाएगा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी है, जो योगदान तो दे रहे हैं, लेकिन औपचारिक आवेदन न करने के कारण योजना के लाभों से वंचित थे। मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पात्र कर्मचारियों को कार्ड तुरंत जारी किए जाएं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार सीजीएचएस को और अधिक पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएंगे। नई प्रणाली से डिजिटल सेवाओं में तेजी आएगी और लाभार्थियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में सुविधा होगी। हालांकि, कुछ खबरों में यह भी चर्चा है कि भविष्य में सीजीएचएस को एक नई बीमा-आधारित योजना, जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड पेंशनर्स हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (सीजीईपीएचआईएस), से बदला जा सकता है। यह प्रस्ताव आठवें वेतन आयोग के तहत विचाराधीन है, लेकिन अभी तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
कुल मिलाकर, ये बदलाव सीजीएचएस को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। यदि ये योजनाएं समय पर लागू हो जाती हैं, तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं तेज, सुलभ और विश्वसनीय हो सकती हैं।