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आरबीआई के 50 बेसिस पॉइंट रेपो रेट कट के बाद डीएलएफ के शेयरों में 8% की तेजी

आरबीआई के 50 बेसिस पॉइंट रेपो रेट कट के बाद डीएलएफ के शेयरों में 8% की तेजी, रियल एस्टेट स्टॉक्स में उछाल

 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद शुक्रवार को रियल एस्टेट सेक्टर के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.5% हो गया है, जो इस साल की तीसरी लगातार कटौती है। इस नीतिगत फैसले का असर शेयर बाजार में साफ दिखाई दिया, खासकर रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में। डीएलएफ लिमिटेड के शेयरों में 8% की उछाल देखी गई, जो दिन के उच्चतम स्तर 882.80 रुपये तक पहुंचा। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स भी 4.6% की बढ़त के साथ 1,038.85 के स्तर पर पहुंच गया, जिसमें डीएलएफ के साथ-साथ अन्य प्रमुख कंपनियों जैसे गॉडरेज प्रॉपर्टीज, प्रेस्टीज एस्टेट्स, ओबेरॉय रियल्टी, और सोभा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।

 

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 6 जून 2025 को अपनी बैठक में यह निर्णय लिया, जिसकी घोषणा गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की। इस कटौती का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना है। रियल एस्टेट सेक्टर, जो ब्याज दरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, को इस कदम से काफी लाभ हुआ। कम रेपो रेट के कारण बैंकों द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में कमी की उम्मीद है, जिससे ईएमआई कम होगी और घर खरीदना अधिक किफायती होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विशेष रूप से मध्यम और किफायती आवास सेगमेंट में मांग को बढ़ाएगा।

 

डीएलएफ, भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक, ने इस घोषणा के बाद निवेशकों का ध्यान खींचा। कंपनी के शेयरों ने पिछले एक सप्ताह में 10%, पिछले एक महीने में 30%, और पिछले तीन महीनों में 32% का रिटर्न दिया है। इसके अतिरिक्त, डीएलएफ ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में 39% की साल-दर-साल शुद्ध लाभ वृद्धि दर्ज की, जो 1,282 करोड़ रुपये रही। इस मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और रेपो रेट कट के सकारात्मक प्रभाव ने डीएलएफ के शेयरों को और आकर्षक बना दिया। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में अन्य कंपनियों जैसे गॉडरेज प्रॉपर्टीज (7% की बढ़त), प्रेस्टीज एस्टेट्स, और ओबेरॉय रियल्टी ने भी 0.5% से 6% की वृद्धि दर्ज की।

 

रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है। नाहर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और नारेडको महाराष्ट्र की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मंजू याग्निक ने कहा कि यह कटौती समय पर और प्रभावी है, खासकर तब जब आवासीय सेक्टर में मांग में कमी के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, “कम ब्याज दरें घर खरीदने वालों के लिए सामर्थ्य बढ़ाएंगी और डेवलपर्स को भी कम उधार लागत का लाभ मिलेगा।” इसी तरह, दोस्ती रियल्टी के सीएमडी दीपक गोराडिया ने कहा कि यह कदम पहली बार घर खरीदने वालों और अपग्रेड की तलाश में रहने वाले परिवारों के लिए सकारात्मक है।

 

हालांकि, कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि वैश्विक व्यापार तनाव और एफआईआई आउटफ्लो जैसे कारक बाजार की गति को प्रभावित कर सकते हैं। फिर भी, रेपो रेट में कटौती और कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस पॉइंट की कमी से बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी आई, जिससे बाजार में तरलता बढ़ी। यह कदम रियल एस्टेट के साथ-साथ ऑटो और एनबीएफसी सेक्टर के लिए भी सकारात्मक माना जा रहा है।

 

कुल मिलाकर, आरबीआई का यह नीतिगत कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आया है, जिससे डीएलएफ जैसे शेयरों में निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है |

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