बैंक निफ्टी ने छुआ 56,000 का ऐतिहासिक स्तर
5 जून 2025 – भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित हुआ जब बैंक निफ्टी सूचकांक ने पहली बार 56,000 का स्तर पार किया, और 56,161.40 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। यह उपलब्धि प्रमुख बैंकों जैसे एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मजबूत प्रदर्शन और निवेशकों की आगामी आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण संभव हुई।
प्रमुख बैंकों का योगदान
बैंक निफ्टी में इस तेजी का मुख्य कारण एचडीएफसी बैंक और एसबीआई जैसे प्रमुख बैंकों के शेयरों में आई तेजी थी। इसके अलावा, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे छोटे बैंकों के शेयरों में भी 0.4% से 1.2% तक की वृद्धि देखी गई।
लाभ बुकिंग के कारण गिरावट
हालांकि, शुरुआती तेजी के बाद कुछ निवेशकों द्वारा लाभ बुकिंग की गई, जिससे बैंक निफ्टी सूचकांक में थोड़ी गिरावट आई और यह 0.1% नीचे आ गया। आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बड़े बैंकों के शेयरों में 0.9% तक की गिरावट देखी गई, जिससे सूचकांक पर दबाव पड़ा।
आरबीआई की दर कटौती की उम्मीदें
बाजार में यह उत्साह मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आगामी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में संभावित 25 आधार अंकों की ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के कारण है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में, इस वर्ष पहले ही दो बार दरों में कटौती की जा चुकी है, जिससे रेपो दर 6.5% से घटकर 6% हो गई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती भी बाजार में सकारात्मक भावना का एक प्रमुख कारण है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ी, जो इस वित्त वर्ष की सबसे तेज वृद्धि है। पूरे वित्त वर्ष में, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही, जिससे यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रही।
निवेशकों के लिए संकेत
बैंक निफ्टी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि और आरबीआई की संभावित दर कटौती के संकेत निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए।
नोट: यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से है। निवेश से संबंधित निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।