मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FPIs) ने ₹30,950 करोड़ का निवेश किया
मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FPIs) ने ₹30,950 करोड़ का निवेश किया, जो इस वर्ष का अब तक का सबसे बड़ा मासिक निवेश है। इसमें ₹19,860 करोड़ इक्विटी बाजार में और ₹12,155 करोड़ डेट बाजार में निवेश किए गए।
निवेश में वृद्धि के कारण
मजबूत आर्थिक प्रदर्शन: जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 7.4% रही, जो पिछली तिमाही के 6.2% से अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की कुल वृद्धि दर 6.5% रही।
अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौता: भारत और अमेरिका के बीच संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की उम्मीदों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
कमजोर अमेरिकी डॉलर: डॉलर की कमजोरी ने उभरते बाजारों में निवेश को आकर्षित किया, जिससे भारत को लाभ हुआ।
मजबूत कॉर्पोरेट आय: भारतीय कंपनियों की बेहतर-than-expected आय ने निवेशकों को आकर्षित किया।
निवेश का विश्लेषण
इक्विटी निवेश: मई में ₹19,860 करोड़ का निवेश हुआ, जो अप्रैल के ₹4,223 करोड़ से काफी अधिक है।
डेट निवेश: मई में ₹12,155 करोड़ का निवेश हुआ, जबकि अप्रैल में ₹24,384 करोड़ की निकासी हुई थी।
कुल विदेशी निवेश: जनवरी-मार्च 2025 में ₹1.16 लाख करोड़ की निकासी के बावजूद, मई में निवेश में वृद्धि देखी गई।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
भारत में मई 2025 में $5.5 बिलियन की ब्लॉक डील्स हुईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक हैं। इसमें ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको द्वारा ITC में हिस्सेदारी की बिक्री, IndiGo के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल की हिस्सेदारी बिक्री, और Singtel द्वारा Bharti Airtel में हिस्सेदारी की बिक्री शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि मई में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई, लेकिन जून में विदेशी निवेशकों ने लगभग $2 बिलियन के शॉर्ट पोजीशन लिए हैं, जो फरवरी के बाद सबसे अधिक हैं। यह संकेत देता है कि निवेशक बाजार में संभावित सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
निष्कर्ष
मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो मजबूत आर्थिक प्रदर्शन, संभावित व्यापार समझौते, कमजोर डॉलर, और बेहतर कॉर्पोरेट आय के कारण संभव हुई। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।