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Crude Oil की कीमतें एक दिन में 4% की वृद्धि

3 जून 2025 को Crude Oil की कीमतों में अचानक 4% की वृद्धि देखी गई, जिससे ब्रेंट क्रूड की कीमत $65 प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई। यह वृद्धि वैश्विक बाजारों में कई कारकों के संयोजन का परिणाम है, जिसमें भू-राजनीतिक तनाव, आपूर्ति में बाधाएं, और उत्पादन निर्णय शामिल हैं।

Crude Oil की कीमतें में वृद्धि प्रमुख कारण

  1. यूक्रेन-रूस संघर्ष में वृद्धि

हाल ही में यूक्रेन द्वारा रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर ड्रोन हमलों ने 40 से अधिक युद्धक विमानों को नष्ट कर दिया, जिससे पूर्वी यूरोप में तनाव बढ़ गया है। इससे वैश्विक बाजारों में आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी है।

  1. OPEC+ का सीमित उत्पादन वृद्धि

OPEC+ ने जुलाई 2025 के लिए उत्पादन में 411,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि की घोषणा की, जो बाजार की अपेक्षाओं से कम थी। यह सीमित वृद्धि भी कीमतों में वृद्धि का एक कारण बनी।

  1. कनाडा में जंगल की आग

कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में जंगल की आग ने तेल उत्पादन को बाधित किया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ा है।

  1. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी

अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण तेल की कीमतें बढ़ीं, क्योंकि कमजोर डॉलर से अन्य मुद्राओं में तेल सस्ता हो जाता है, जिससे मांग बढ़ती है।

 

बाजार पर प्रभाव

ब्रेंट क्रूड: $65.26 प्रति बैरल तक पहुंचा।

वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI): $63.47 प्रति बैरल तक बढ़ा।

तेल कंपनियों के शेयर: Chevron और Exxon Mobil के शेयरों में क्रमशः 1.3% और 1.5% की वृद्धि हुई।

 

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मूल्य वृद्धि अल्पकालिक हो सकती है। यदि भू-राजनीतिक तनाव कम होते हैं और OPEC+ उत्पादन बढ़ाता है, तो कीमतें स्थिर हो सकती हैं। हालांकि, यदि वर्तमान परिस्थितियां बनी रहती हैं, तो कीमतों में और वृद्धि संभव है।

 

भारत पर प्रभाव

भारत, जो अपनी तेल आवश्यकताओं का अधिकांश हिस्सा आयात करता है, इस मूल्य वृद्धि से प्रभावित हो सकता है। तेल की कीमतों में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ेगा और उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा।

निष्कर्ष

कच्चे तेल की कीमतों में हालिया वृद्धि वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाओं और आपूर्ति में बाधाओं का परिणाम है। भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, और सरकार को मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता है।

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