UPI के नियम में होने जा रहा ये खास बदलाव, सभी पेमेंट ऐप पर होगा लागू
UPI के नियम में होने जा रहा ये खास बदलाव, सभी पेमेंट ऐप पर होगा लागू
जून 2025 में, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य UPI प्रणाली की सुरक्षा, पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाना है।
- भुगतान पुष्टि स्क्रीन पर लाभार्थी का नाम अनिवार्य
NPCI ने निर्देश दिया है कि 30 जून 2025 से सभी UPI ऐप्स को भुगतान पुष्टि स्क्रीन पर प्राप्तकर्ता का आधिकारिक नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद करना है कि वे सही व्यक्ति को भुगतान कर रहे हैं, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
- उच्च-मूल्य लेनदेन के लिए ₹5 लाख की सीमा
NPCI ने कुछ विशिष्ट श्रेणियों के लिए UPI लेनदेन की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख प्रति लेनदेन कर दी है। ये श्रेणियां कर भुगतान, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा शुल्क और वित्तीय निवेश जैसी उच्च-मूल्य वाली सेवाओं से संबंधित हैं। यह परिवर्तन 16 सितंबर 2024 से प्रभावी है और इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाना है।
- 1 अगस्त 2025 से API उपयोग पर नए दिशानिर्देश
NPCI ने UPI प्रणाली की विश्वसनीयता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए 1 अगस्त 2025 से API उपयोग पर नए दिशानिर्देश लागू करने की घोषणा की है। इनमें शामिल हैं:
बैलेंस जांच पर सीमा: प्रत्येक उपयोगकर्ता प्रति ऐप प्रति दिन अधिकतम 50 बैलेंस जांच कर सकेगा।
ऑटोपे अनुरोधों का समय निर्धारण: UPI ऑटोपे अनुरोध केवल गैर-पीक घंटों के दौरान संसाधित किए जाएंगे।
लेनदेन स्थिति जांच में सुधार: लेनदेन की स्थिति जांच को पूरे दिन में वितरित किया जाएगा ताकि प्रणाली पर भार कम हो।
इन उपायों का उद्देश्य प्रणाली पर अत्यधिक भार को कम करना और उपयोगकर्ताओं को निर्बाध सेवाएं प्रदान करना है।
- व्यापारी लेनदेन के लिए नई दिशानिर्देश
NPCI ने व्यापारी लेनदेन (P2M) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनके अनुसार व्यापारी बैंक बिना समायोजन के धनराशि बनाए रख सकते हैं। इसका उद्देश्य लेनदेन की प्रक्रिया को सरल बनाना और व्यापारियों को अधिक सुविधा प्रदान करना है।
निष्कर्ष
जून 2025 में NPCI द्वारा घोषित ये बदलाव UPI प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-मित्रवत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उपयोगकर्ताओं को इन परिवर्तनों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपने UPI ऐप्स को अपडेट रखना चाहिए ताकि वे इन नए नियमों का लाभ उठा सकें और सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सुनिश्चित कर सकें।