सोना चमका, शेयर बाजार छलांग लगा: दौलत की दौड़ में किसने मारी बाजी?
निवेशकों के बीच हमेशा से यह बहस रही है कि दौलत बनाने के लिए सोना (Gold) बेहतर है या शेयर मार्केट (Stock Market)। हाल के दिनों में दोनों ही एसेट क्लासेस ने शानदार परफॉर्मेंस दिखाई है, लेकिन असली सवाल यह है कि लॉन्ग टर्म में कौन ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है? फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में सोने और इक्विटी मार्केट ने अलग-अलग ट्रेंड्स दिखाए हैं, लेकिन दोनों ने निवेशकों को मुनाफा दिलाया है।
सोने ने फिर साबित की अपनी चमक
2020 से 2023 तक, सोने की कीमतों में 40% की बढ़ोतरी हुई, जबकि 2024 में भी यह ₹72,000/10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छू चुका है।
महंगाई और जियोपॉलिटिकल टेंशन के दौर में सोना एक सुरक्षित हेवन (Safe Haven) के तौर पर उभरा है।
कमजोर रुपया और बढ़ती डिमांड ने भी गोल्ड प्राइस को सपोर्ट किया है।
विशेषज्ञों की राय:
“सोना शॉर्ट टर्म में वॉलैटिलिटी झेल सकता है, लेकिन लंबे समय में यह इन्फ्लेशन को बीट करने का एक बेहतर ऑप्शन है।” एक COMMODITY मार्केट एनालिस्ट
शेयर बाजार ने दिखाई तेज रफ्तार
Nifty 50 ने पिछले 3 साल में 80% और Smallcap इंडेक्स ने 150% का रिटर्न दिया है।
IT, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के स्टॉक्स ने शानदार परफॉर्मेंस दी है।
IPO बूम और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने मार्केट को नई ऊर्जा दी है।
विशेषज्ञों की राय:
“इक्विटी मार्केट में हाई रिटर्न के साथ हाई रिस्क भी है, लेकिन 7-10 साल के निवेश में यह सोने से बेहतर परफॉर्म करता है।” एक स्टॉक मार्केट एनालिस्ट
तुलना: सोना vs शेयर मार्केट
| पैरामीटर | सोना (Gold) | शेयर मार्केट (Stocks) |
|——————-|——————|———————-|
| रिटर्न (3 साल) | ~40% | 80-150% |
| रिस्क फैक्टर | कम | ज्यादा |
| लिक्विडिटी | अच्छी | बेहतर |
| टैक्सेशन | LTCG पर 20% | LTCG पर 10% (1L+ पर) |
| इन्फ्लेशन हीरो | हाँ | डिपेंड्स सेक्टर पर |
किसमें करें निवेश?
- डायवर्सिफिकेशन जरूरी: एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 60% स्टॉक्स + 20% गोल्ड + 20% डेट का मिक्स बेस्ट है।
- गोल्ड ETF/Sovereign Bonds: अगर फिजिकल गोल्ड नहीं खरीदना चाहते, तो गोल्ड ETF या SGBs बेहतर विकल्प हैं।
- SIP इन स्टॉक्स: वोलेटाइल मार्केट में SIP के जरिए इक्विटी में एंट्री लेना समझदारी है।
आगे की राह: क्या होगा बेहतर?
2024 में, RBI की मॉनिटरी पॉलिसी और US फेड रेट्स का असर दोनों मार्केट्स पर पड़ेगा।
चुनावी साल होने के कारण सरकारी योजनाएं (जैसे PLI स्कीम) स्टॉक्स को सपोर्ट कर सकती हैं।
ग्लोबल रिस्क्स (जैसे यूक्रेन-रूस वॉर, चीन-यूएस टेंशन) अगर बढ़े, तो सोना फिर चमक सकता है।
फाइनल वर्ड:
“सोना सुरक्षा देता है, शेयर मार्केट ग्रोथ। दोनों को पोर्टफोलियो में शामिल करना ही समझदारी है।”
नोट: यह न्यूज सिर्फ सूचना के लिए है, निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।