मई में गोल्ड ईटीएफ में फिर निवेशकों का विश्वास लौटा
₹291.91–₹292 करोड़ नौ महीने के उच्च प्रवाह के रूप में मई में गोल्ड ईटीएफ में निवेश आया, जो मार्च व अप्रैल में हुई दो लगातार महीनों की निकासी के बाद हुआ
मार्च में ₹77.21 करोड़, अप्रैल में ₹5.82 करोड़ की निकासी हुई थी, लेकिन मई में यह प्रवाह वापस आ गया
AUM (संपत्तियों का प्रबंधन)
मई में AMFI के अनुसार गोल्ड ईटीएफ की कुल संपत्ति ₹61,422 करोड़ से बढ़कर ₹62,453 करोड़ हो गई
यह लगभग 2% मासिक वृद्धि दर्शाती है, जो निवेशकों की बढ़ती रुचि का प्रतीक है
क्यों लौट रहा निवेशकों का ध्यान गोल्ड ETF की ओर?
सोने की कीमतों में स्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता: ज्वलंत आर्थिक परिस्थितियाँ और उछाल-घटाव वाले वित्तीय बाज़ारों के बीच गोल्ड को सुरक्षित आश्रय माना जा रहा है
Morningstar की Nehal Meshram के अनुसार, “मजबूत वैश्विक अनिश्चितताओं” के कारण सोने की रणनीतिक अपील बढ़ी है
Germinate Investor Services के CEO Santosh Joseph बताते हैं कि गोल्ड ETF की ओर बढ़ रही प्रवृत्ति दर्शाती है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में “safe‑haven” तत्व शामिल करना चाहते हैं
खाते संख्या में भी वृद्धि
निवेशकों की संख्या (folios) में भी लगभग 2.24 लाख की बढ़ोतरी, जो अप्रैल में 71.45 लाख से बढ़कर मई में 73.69 लाख पर पहुँच गया
इससे स्पष्ट होता है कि न सिर्फ मौजूदा निवेशकों ने निवेश जारी रखा, बल्कि नए निवेशक भी आते रहे।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
हालांकि वैश्विक स्तर पर मई महीने में सोने की ETF में US$1.8 बिलियन की निकासी हुई (उत्तर अमेरिका US$1.5bn व एशिया US$489mn), लेकिन भारत में स्थिति विपरीत रही।
यह अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय आर्थिक परिप्रेक्ष्य के सामंजस्य को दर्शाता है—जहाँ वैश्विक निवेश शिथिल हो सकता है, वहीं घरेलू निवेशकों ने सतर्क पर भरोसा जताया।
गोल्ड में निवेश का महत्व
सोने की कीमतों में स्थिरता का दौर प्रवेश करते ही ₹62,000 करोड़+ AUM के गोल्ड ईटीएफ आकर्षक विकल्प बनकर उभरते हैं।
निवेश का आकर्षण इस बात से भी बढ़ा है कि यह शारीरिक सोने की तुलना में सुरक्षित और अधिक लीक्विड होता है, और डीमैट अकाउंट के माध्यम से आसानी से कारोबार किया जा सकता है
Motilal Oswal Private Wealth के अनुसार, Q1 2025 में गोल्ड की वैश्विक मांग पिछले तीन सालों में सबसे ऊँची रही, ETF प्रवाह ने इसमें मुख्य योगदान दिया
विश्लेषण
वैश्विक अनिश्चितताएँ: मुद्रास्फीति, ब्याज दरों की चाल और वैश्विक तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित किया।
स्थिर सोने की कीमतें: हाल के मूल्य झटकों के बाद स्थायीत्व ने निवेशकों को भेज दिया बढ़ा।
डायवर्सिफिकेशन की रणनीति: पोर्टफोलियो विविधता के चलते गोल्ड ETF को “डॉलर-क्रिप्टो-इक्विटी से अलग” सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है ।
चुनौतियाँ और भविष्य की दृष्टि
अब भी AUM, साल के आरंभिक स्तर से पीछे है; प्रचलन अस्थिर बना हुआ है
भविष्य में दोहरी रणनीति—स्थिरता और अस्थिर बाज़ारों के बीच निवेश संतुलन—गोली गोल्ड ETF को प्रमुख विकल्प बनाएगी।
यदि वैश्विक आर्थिक तनाव बढ़े तो निवेशकों का आकर्षण और अधिक बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
मई 2025 में गोल्ड ETF में ₹292 करोड़ की शुद्ध निवेश वापसी सिर्फ एक आकड़ा नहीं, बल्कि निवेशकों की विश्वास की लौ फिर से जलने का संकेत है। इससे पता चलता है कि:
सोना अब भी एक विश्वासपात्र “safe‑haven” संपत्ति है,
गोल्ड ETF में निवेश आसान, पारदर्शी और संगठित है,
आगामी महीनों में वैश्विक आर्थिक हालात ETF की प्रवृत्ति तय कर सकते हैं।
संक्षेप में, गोल्ड ETF अब निवेशकों के संतुलित पोर्टफोलियो का अनिवार्य हिस्सा बनता दिख रहा है—एक सतर्क, सुरक्षित और दीर्घकालिक रणनीति।