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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा, स्वर्ण भंडार में वृद्धि दर्ज

6 जून 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) पिछले सप्ताह घटकर 648.7 अरब डॉलर रह गया है, जबकि स्वर्ण भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह आर्थिक स्थिरता और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देता है।

 

प्रमुख आंकड़े और रुझान

विदेशी मुद्रा भंडार: 31 मई को समाप्त सप्ताह में 1.2 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 648.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

स्वर्ण भंडार: 0.8 अरब डॉलर बढ़कर 54.3 अरब डॉलर हो गया।

विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (FCA): 1.5 अरब डॉलर घटकर 572.4 अरब डॉलर रह गईं।

IMF के साथ विशेष आहरण अधिकार (SDR): 0.1 अरब डॉलर की मामूली गिरावट दर्ज की गई।

 

गिरावट के प्रमुख कारण

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे निम्न कारण प्रमुख हैं:

  1. डॉलर की मजबूती: वैश्विक बाजारों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की कीमतों में गिरावट।
  2. RBI का हस्तक्षेप: रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए RBI द्वारा बाजार में डॉलर की बिक्री।
  3. विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव: हाल के सप्ताहों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में अनिश्चितता।

 

स्वर्ण भंडार में वृद्धि का महत्व**

  • **सुरक्षित निवेश की ओर रुझान: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच RBI द्वारा स्वर्ण भंडार बढ़ाने की रणनीति।

मुद्रास्फीति से बचाव: सोना मुद्रास्फीति के दौर में एक सुरक्षित आश्रय माना जाता है।

विविधीकरण: विदेशी मुद्रा भंडार के जोखिम को कम करने के लिए RBI की रणनीति का हिस्सा।

 

विशेषज्ञों का विश्लेषण

डॉ. राजीव मेहरा (मुख्य अर्थशास्त्री, बैंक ऑफ बड़ौदा): “RBI का फॉरेक्स रिजर्व प्रबंधन सावधानीपूर्ण है। स्वर्ण भंडार बढ़ाना दीर्घकालिक स्थिरता की दिशा में सही कदम है।”

प्रो. अंजलि वर्मा (IIM कोलकाता): “डॉलर की ताकत और वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल के मद्देनजर यह गिरावट चिंताजनक नहीं है।”

 

भविष्य की संभावनाएँ

रुपये पर दबाव: यदि डॉलर की मजबूती जारी रही तो रुपया और कमजोर हो सकता है।

RBI की रणनीति: विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिए RBI द्वारा और हस्तक्षेप की संभावना।

सोने की कीमतें: वैश्विक बाजारों में सोने की मांग बढ़ने से भारत के स्वर्ण भंडार का मूल्य और बढ़ सकता है।

 

निष्कर्ष

हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली गिरावट आई है, लेकिन स्वर्ण भंडार में वृद्धि से भारत की आर्थिक स्थिरता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। RBI की सतर्क नीतियाँ देश को वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने में मदद करेंगी।

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