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पंजाब नेशनल बैंक ने RBI के रेपो रेट कट के बाद ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.50%) की कटौती के बाद, देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर दी है। बैंक ने अपने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 50 बेसिस पॉइंट की कमी की घोषणा की है, जिसके बाद नई दर 8.85% से घटकर 8.35% हो गई है। यह बदलाव 9 जून 2025 से प्रभावी होगा। इस कटौती से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और MSME लोन जैसे विभिन्न ऋण सस्ते हो जाएंगे, जिससे ग्राहकों की मासिक किस्त (EMI) में कमी आएगी।

 

RBI ने इस साल लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है, जिसके बाद रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गया है। यह निर्णय अप्रत्याशित था, क्योंकि अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने केवल 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीद जताई थी। इस कटौती का उद्देश्य कम मुद्रास्फीति (अप्रैल 2025 में 3.16%) और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, जो FY25 में 6.5% के चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 3% कर दिया, जिससे बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। इस कदम से बैंकों को उधार देने की क्षमता बढ़ेगी, जिसका लाभ ग्राहकों को सस्ते लोन के रूप में मिलेगा।

 

PNB ने इस कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को तुरंत देने का फैसला किया है। बैंक के अनुसार, होम लोन अब 7.45% प्रति वर्ष से शुरू होंगे, जबकि वाहन लोन की ब्याज दर 7.80% से शुरू होगी। यह कटौती न केवल नए उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि मौजूदा फ्लोटिंग रेट लोन वाले ग्राहकों की EMI भी कम होगी। उदाहरण के लिए, 30 लाख रुपये के होम लोन पर 20 साल की अवधि के लिए EMI में लगभग 800-1200 रुपये प्रति लाख की कमी हो सकती है। यह कदम विशेष रूप से किफायती आवास क्षेत्र में मांग को बढ़ाने में मदद करेगा, क्योंकि हाल के महीनों में बढ़ती कीमतों के कारण रियल एस्टेट में मांग कमजोर हुई है।

 

PNB के इस कदम के बाद अन्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक, जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक, और बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने रेपो-लिंक्ड उधार दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी RLLR को 8.15% तक कम किया, जबकि यूको बैंक ने UCO Float रेट को 8.30% तक घटाया। यह कटौती 6-9 जून से प्रभावी हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अन्य बैंक भी जल्द ही इसी तरह की घोषणाएं कर सकते हैं, जिससे उधारकर्ताओं को और राहत मिलेगी।

 

हालांकि, यह कटौती उधारकर्ताओं के लिए अच्छी खबर है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। RBI की रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों ने FD दरों में भी कमी शुरू कर दी है, जिससे निवेशकों को कम रिटर्न मिलेगा। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि FD निवेशक अब शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट म्यूचुअल फंड या RBI के फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड जैसे विकल्पों पर विचार करें।

 

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह निर्णय कम मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए लिया गया है। नीति को ‘न्यूट्रल’ स्टांस में बदलने से भविष्य में और दर कटौती की संभावना दिखती है। कुल मिलाकर, PNB और अन्य बैंकों की यह पहल उधारकर्ताओं के लिए राहत लाएगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।

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