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आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इन 9 गलतियों से बचें, नहीं तो अटक सकता है रिफंड

वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आयकर विभाग ने इस बार ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। यह अतिरिक्त समय करदाताओं के लिए राहत लेकर आया है, लेकिन ITR दाखिल करते समय छोटी-छोटी गलतियां रिफंड में देरी या आयकर विभाग के नोटिस का कारण बन सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सावधानी और सही जानकारी के साथ ITR दाखिल करना जरूरी है। आइए जानते हैं उन नौ सामान्य गलतियों के बारे में, जिनसे बचने से आपका रिफंड समय पर मिल सकता है और अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है।

 

  1. गलत ITR फॉर्म का चयन

ITR फॉर्म का चयन आय के स्रोत और करदाता की श्रेणी पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, ITR-1 (सहज) उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय ₹50 लाख तक है और जो वेतन, एक मकान संपत्ति या अन्य स्रोतों (जैसे ब्याज) से आय अर्जित करते हैं। ITR-2 उन लोगों के लिए है जिनके पास पूंजीगत लाभ या एक से अधिक संपत्ति से आय है, जबकि ITR-3 व्यवसाय या पेशे से आय वालों के लिए है। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न रद्द हो सकता है या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।

 

  1. आय के सभी स्रोतों की जानकारी न देना

कई करदाता बचत खाते, सावधि जमा (FD), किराए, या पूंजीगत लाभ जैसी अतिरिक्त आय की जानकारी देना भूल जाते हैं। आयकर विभाग की वार्षिक सूचना विवरण (AIS) और फॉर्म 26AS में सभी आय स्रोतों का विवरण होता है। इनका मिलान न करने से आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। क्रिप्टोकरेंसी, फ्रीलांसिंग, या विदेशी आय को भी अनिवार्य रूप से घोषित करना चाहिए।

 

  1. गलत बैंक खाता विवरण

रिफंड सीधे बैंक खाते में जमा होता है, इसलिए गलत खाता संख्या, IFSC कोड, या PAN से लिंक न होने पर रिफंड अटक सकता है। ITR दाखिल करने से पहले बैंक विवरण को ई-फाइलिंग पोर्टल पर प्री-वैलिडेट करना जरूरी है।

 

  1. AIS और फॉर्म 26AS की जांच न करना

फॉर्म 26AS में TDS, अग्रिम कर, और स्व-मूल्यांकन कर का विवरण होता है, जबकि AIS में ब्याज, लाभांश, और संपत्ति बिक्री जैसे लेनदेन शामिल हैं। इनका अपने बैंक स्टेटमेंट और फॉर्म 16 के साथ मिलान न करने से गलतियां हो सकती हैं। असंगतियों को ठीक करने के लिए नियोक्ता या बैंक से संपर्क करें।

 

  1. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में गलती

HRA का दावा करने के लिए किराया समझौता, किराया रसीदें, और मकान मालिक का PAN (यदि किराया ₹1 लाख से अधिक हो) जरूरी है। फर्जी PAN या किराए की गलत जानकारी देना नोटिस का कारण बन सकता है। अपने घर या माता-पिता के साथ रहने पर HRA का दावा करने के लिए वैध समझौता और बैंक लेनदेन जरूरी हैं।

 

  1. समय पर ITR सत्यापन न करना

ITR दाखिल करने के बाद 30 दिनों के भीतर इसे सत्यापित करना अनिवार्य है। यह आधार OTP, नेट बैंकिंग, या डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से किया जा सकता है। असत्यापित रिटर्न को अमान्य माना जाता है, जिससे रिफंड रुक सकता है।

 

  1. विदेशी आय या संपत्ति की जानकारी छिपाना

विदेशी आय या संपत्ति को ITR में घोषित करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। NRIs या विदेशी निवेश वालों को विशेषज्ञ सलाह लेनी चाहिए।

 

  1. डिडक्शन का गलत दावा

सेक्शन 80C, 80D, या 80G के तहत डिडक्शन का दावा करने के लिए सही दस्तावेज जरूरी हैं। गलत या असत्यापित दावे रिटर्न को रद्द कर सकते हैं। सभी निवेश प्रमाणों को संभालकर रखें।

 

  1. समय सीमा का पालन न करना

15 सितंबर 2025 की समय सीमा के बाद ITR दाखिल करने पर ₹5,000 तक का जुर्माना और ब्याज लग सकता है। समय पर दाखिल करने से रिफंड में देरी और नोटिस से बचा जा सकता है।

 

निष्कर्ष

ITR दाखिल करना एक जिम्मेदारी है, जिसमें सावधानी और सटीकता जरूरी है। सही फॉर्म चुनना, सभी आय स्रोतों को शामिल करना, और AIS/26AS का मिलान करने से रिफंड प्रक्रिया सुचारू रहती है। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग करके और समय पर सत्यापन करके आप नोटिस और जुर्माने से बच सकते हैं।

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