अनिल अंबानी की बड़ी वापसी: दिवालियापन से पुनरुत्थान का सफर
Reliance Power और Reliance Infrastructure के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पिछले एक साल में Reliance Power लगभग 173% और Reliance Infrastructure 141% तक उछल चुके हैं; केवल जून माह में दोनों में 22% से अधिक की तेजी रही है। यह स्टॉक मार्केट पर एक रोमांचक वापसी का संकेत है।
- आर्थिक सुधार और लाभ
Reliance Power ने Q4 FY25 में ₹125.6 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल घाटे के करीब ₹397.6 करोड़ था।
Reliance Infrastructure ने शून्य नेट-डेब्ट की स्थिति प्राप्त की और Q4 में ₹4,387 करोड़ का सकल मुनाफा कमाया ।
- कानूनी राहत और दिवालियापन से बचाव
Reliance Infrastructure को कॉर्पोरेट दिवालियापन (CIRP) से राहत मिली। NCLAT ने NCLT के आदेश को निलंबित कर दिया था, यह दिखाते हुए कि कंपनी ने ₹92.68 करोड़ का भुगतान कर दिया है। इस फैसले के बाद उसके शेयरों में 10% से ज्यादा की तेजी आई। -
रणनीतिक परियोजनाएं और विभिन्न ठेके
Reliance Infrastructure ने एक ₹5,000 करोड़ रक्षा व एयरोस्पेस ठेका हासिल किया, जिसमें विमान उन्नयन कार्यक्रम शामिल है।
Reliance Power ने 930 MW सौर ऊर्जा परियोजना के साथ 465 MW/1,860 MWh बैटरी प्रणाली को SECI के तहत 25 वर्ष के PPA के लिए चुना गया है – यह एशिया की सबसे बड़ी सौर-भंडारण परियोजना है।
साथ ही, भूटान स्थित Druk Holding & Investments के साथ ₹2,000 करोड़ की साझेदारी की घोषणा की गई।
- पूंजी पुनर्भरण
Reliance Power ने मई 2025 में ₹348.15 करोड़ पूंजी जुटाई, जिसमें से ₹338 करोड़ प्रमोटर Reliance Infrastructure और ₹10 करोड़ Basera Home Finance को मिले। -
तकनीकी संकेत और निवेशकों का मनोबल
तकनीकी विश्लेषण में दोनों कंपनियां प्रमुख मूविंग एवरेजियों को पार कर चुकी हैं और RSI-76 जैसे मजबूत संकेत दिखा रहे हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि निवेशकों का विश्वास तेज़ी की दिशा में है। -
दिवालियापन से वापसी
एक समय जब अनिल अंबानी ने UK की अदालत में शून्य नेट वर्थ की घोषणा की थी, तब यह सब संभव नहीं लगता था। अब वे धीरे-धीरे पुनर्जीवित होते जा रहे हैं – सफलता के क्रम में लंबी दूरी तय की गई है, लेकिन अभी यात्रा समाप्त नहीं हुई ।
संक्षेप में – महत्वपूर्ण बिंदु
कारण विवरण
वित्तीय सुधार Q4-FY25 में लाभ व शून्य-ऋण
कानूनी राहत NCLAT द्वारा दिवालियापन रोकना
नई परियोजनाएं रक्षा, सौर ऊर्जा, बैटरी सिस्टम
पूंजी वृद्धि ₹350 करोड़+ पूंजी जुटाना
तकनीकी मजबूत संकेत 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर शेयर
निवेशकों का विश्वास तेजी व निवेश बनी हुई है
भविष्य की दिशा
डिफेंस सेक्टर में वृद्धि – ₹5,000 करोड़ के ठेके से भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है।
ऊर्जा व नवीकरणीय परियोजनाएं – देश व विदेश में विस्तार की योजनाएं बनी हुई हैं।
कर्ज मुक्त बैलेंस शीट – ऋण का पुनर्भरण कंपनी को अधिक स्वतंत्र व गति में सक्षम बनाता है।
रीयल टाइम ट्रैकिंग आवश्यक – ट्रैक करें कि क्या ये परियोजनाएं समय पर और वादे के अनुसार पूरी हो रही हैं।
निष्कर्ष
अनिल अंबानी की Reliance ADA समूह की कंपनियों – Power और Infrastructure – की हालिया बढ़त सिर्फ शेयर की कीमतों का उत्सव नहीं, बल्कि लंबे संघर्ष के बाद लौटे साहस और नई उम्मीदों की मिसाल है। दिवालियापन की कगार पर पहुंच चुके फ्लैगशिप समूह का यह सकारात्मक रूपांतरण उनके साहस, योजनाओं और वित्तीय अनुशासन का परिणाम है।
हालांकि, बड़ी परियोजनाओं के अमल, कानूनी स्थिरता, और वास्तविक समय में लाभ सुनिश्चित करने की चुनौतियाँ अभी बाकी हैं। अगर ये सभी सफलतापूर्वक पूरी हुईं, तो यह कहानी भारतीय कॉर्पोरेट दुनिया की सबसे प्रेरक वापसी कहानियों में से एक बन सकती है।
अनिल अंबानी ने साबित किया है कि हार मानना अंतिम नहीं है — पर जीत का असली स्वाद केवल तब आता है जब असंभव मोड़ भी आपके पक्ष में हो।