ज़ेरोधा की नई उड़ान: वित्तीय सेवाओं का महासमूह बनने की राह
भारत की अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म ज़ेरोधा अपने बिज़नेस मॉडल को ब्रोकिंग से आगे ले जाकर एक व्यापक वित्तीय सेवा समूह (कॉन्ग्लोमरेट) बनने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने हाल ही में अपनी रणनीति और भविष्य की योजनाओं को साझा किया, जिसमें वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) के लिए ₹10,000 करोड़ के राजस्व लक्ष्य के साथ-साथ बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश की महत्वाकांक्षा शामिल है। यह सब तब हो रहा है, जब ब्रोकिंग व्यवसाय में अस्थायी मंदी की आशंका जताई जा रही है।
ब्रोकिंग में मंदी, लेकिन मजबूत लक्ष्य
ज़ेरोधा को FY26 की पहली तिमाही में ब्रोकिंग व्यवसाय में 10-20% की गिरावट का अनुमान है। इसका कारण शेयर बाज़ार में लेनदेन की मात्रा में कमी है। नितिन कामथ ने इसे अस्थायी बताया और कहा कि कंपनी इस चुनौती के बावजूद FY26 के अंत तक ₹10,000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। विशेष रूप से, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ज़ेरोधा ब्रोकरेज शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं करेगी, जो ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
IPO से दूरी, स्वतंत्रता पर जोर
ज़ेरोधा ने साफ कर दिया है कि वह निकट भविष्य में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की दिशा में नहीं बढ़ेगी। कामथ ने कहा, “सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होना हमारे जैसे व्यवसाय के लिए चुनौतीपूर्ण है।” कंपनी के पास पर्याप्त पूंजी है, और वह तिमाही रिपोर्टिंग और सख्त नियामक माहौल के बोझ से बचना चाहती है। यह स्वतंत्रता ज़ेरोधा की रणनीति का मूल हिस्सा है, जो इसे अपनी मूल दर्शनशास्त्र—ईमानदारी, लागत-कुशलता और पारदर्शिता—को बनाए रखने में सक्षम बनाती है।
वित्तीय सेवाओं का महासमूह
ज़ेरोधा की अगले दस वर्षों की रणनीति में एक बड़ा दांव है—वह एक वित्तीय सेवा कॉन्ग्लोमरेट बनना चाहती है। इसका सबसे महत्वाकांक्षी हिस्सा है बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश। कामथ ने कहा कि यदि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से बैंकिंग लाइसेंस मिलता है, तो ज़ेरोधा इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए तैयार है। यह कदम कंपनी को म्यूचुअल फंड, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और अन्य वित्तीय सेवाओं के साथ एक व्यापक सेवा प्रदाता बनने में मदद करेगा।
मजबूत वित्तीय आधार
ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति बेहद मजबूत है। FY24 में कंपनी ने ₹4,700 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 62% की वृद्धि दर्शाता है। FY25 में राजस्व ₹10,000 करोड़ की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा, कंपनी के पास ₹1,000 करोड़ के अनारक्षित लाभ हैं, जो इसकी बैलेंस शीट को और मजबूत बनाते हैं। कामथ ने गर्व के साथ कहा, “पिछले तीन वर्षों की लाभप्रदता को देखते हुए, हमारी नेटवर्थ हमारे द्वारा प्रबंधित ग्राहक फंड का लगभग 40% है। यह हमें सबसे सुरक्षित ब्रोकर्स में से एक बनाता है।”
ग्राहक आधार और बाज़ार हिस्सेदारी
ज़ेरोधा ने FY25 में 5.8 लाख नए ग्राहक जोड़े, जिससे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इसके कुल सक्रिय खातों की संख्या 4.92 करोड़ हो गई। यह NSE के कुल खातों का लगभग 16% है। कंपनी का डिजिटल और मोबाइल-आधारित ब्रोकिंग मॉडल, विशेष रूप से टियर II और III शहरों में, निवेशकों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है।
उत्पादों का मजबूत पोर्टफोलियो
ज़ेरोधा के उत्पादों में शामिल हैं:
काइट (Kite): एक शक्तिशाली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जो निवेशकों को तेज़ और सहज अनुभव प्रदान करता है।
कंसोल (Console): खाता विश्लेषण और पोर्टफोलियो प्रबंधन के लिए।
कॉइन (Coin): म्यूचुअल फंड निवेश के लिए।
सेंसीबुल (Sensibull): ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए समाधान।
ये उत्पाद निवेशकों को सरल, तेज़ और किफायती सेवाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
निष्कर्ष: एक स्वतंत्र और महत्वाकांक्षी भविष्य
ज़ेरोधा अब केवल एक डिस्काउंट ब्रोकर नहीं है; यह वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में एक सशक्त समूह बनने की राह पर है। ब्रोकिंग में अस्थायी मंदी के बावजूद, ₹10,000 करोड़ के राजस्व लक्ष्य, IPO से दूरी, और बैंकिंग लाइसेंस की महत्वाकांक्षा इसे अगले दशक में वित्तीय जगत में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में ले जा रही है। ज़ेरोधा का बूटस्ट्रैप्ड, लाभकारी और स्वतंत्र मॉडल यह साबित करता है कि बाहरी दबाव के बिना भी बड़े सपने देखे और हासिल किए जा सकते हैं।