क्रिप्टोकरेंसी पर RBI का सख्त रुख: निवेशकों को झटका, अभी राहत की कोई उम्मीद नहीं
6 जून 2025:** भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना सख्त रुख दोहराया है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई राहत देने का कोई इरादा नहीं है और इसे लेकर बैंक की चिंताएं बरकरार हैं। इस बयान के बाद देश के क्रिप्टो निवेशकों को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उन्हें अब भी नियामक स्पष्टता या सरकारी समर्थन की उम्मीद नहीं दिख रही है।
RBI की मुख्य चिंताएं
RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वित्तीय स्थिरता को खतरा RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिरता और अप्रत्याशित मूल्य उतार-चढ़ाव देश की आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
- मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमित लेनदेन RBI ने चेतावनी दी है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों में किया जा सकता है।
- घोटालों और निवेशकों के शोषण का डर पिछले कुछ सालों में कई क्रिप्टो स्कैम सामने आए हैं, जिससे RBI को डर है कि छोटे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
सरकार और RBI की नीति में कोई बदलाव नहीं
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया भर में नियमन की प्रक्रिया चल रही है, भारत में अभी भी इस पर सख्त नियंत्रण बना हुआ है। RBI ने स्पष्ट किया कि वह क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता देने के खिलाफ है और इस पर कोई ढील देने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर RBI सकारात्मक है और इसके वित्तीय क्षेत्र में उपयोग की संभावनाओं को लेकर शोध जारी है।
क्रिप्टो निवेशकों और एक्सचेंजों पर प्रभाव
RBI के इस बयान का सीधा असर क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों और व्यापारिक प्लेटफॉर्म्स पर पड़ा है:
क्रिप्टो बाजार में गिरावट RBI के बयान के बाद बिटकॉइन और एथेरियम जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के दामों में गिरावट देखी गई।
भारतीय एक्सचेंजों पर दबाव कई भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पहले से ही बैंकिंग प्रतिबंधों और नियामक अनिश्चितता से जूझ रहे हैं। RBI के ताजा बयान से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
निवेशकों में निराशा कई छोटे निवेशक, जो लंबे समय से क्रिप्टो को लेकर सरकारी नीति में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे, अब निराश हैं।
क्या है भविष्य की रणनीति?
RBI ने संकेत दिया है कि वह अपनी डिजिटल करेंसी (CBDC – डिजिटल रुपया) को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है, जिसे वह क्रिप्टोकरेंसी का एक सुरक्षित और विनियमित विकल्प मानता है। साथ ही, वित्त मंत्रालय और RBI मिलकर एक संभावित क्रिप्टो बिल पर काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है।
निष्कर्ष
RBI का यह बयान साफ करता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियामक अनिश्चितता अभी खत्म नहीं हुई है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस क्षेत्र में निवेश करते समय सावधानी बरतें और RBI तथा सरकार के आधिकारिक बयानों पर नजर रखें।