2025 में भारतीय प्रीमियम और लक्ज़री हाउसिंग मार्केट ने अभूतपूर्व विस्तार देखा है, जिसकी प्रमुख वजह उच्च-नेट-वर्थ Individuals (HNIs) और नॉन-रेज़िडेंट इंडियंस (NRIs) की बढ़ती हिस्सेदारी रही है। ANAROCK की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली‑NCR में 59% नए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स की ट्रांज़ैक्शन वैल्यू ₹2.5 करोड़ से ऊपर थी, वहीं हैदराबाद में यह आंकड़ा 18%, और मुंबई मेट्रो में 12% रहा ।
डॉलर की कमजोरी से खरीदारों को फायदा
रुपये की तुलना में डॉलर की गिरावट NRIs के लिए भारत में प्रॉपर्टी खरीदना और भी किफ़ायती बना रही है। यह वजह है कि बहुत से NRIs अब लुक‑टू‑स्टे, सेफ्टी‑नेट और लॉन्ग‑टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर लग्ज़री प्रॉपर्टीज खरीद रहे हैं ।
HNI‑UHNWI की बदलती प्राथमिकताएँ
एनकोरोना महामारी के बाद घरों से जुड़ी प्राथमिकताएँ बदल गई हैं — अब केवल लोकेशन या ब्रांड की बजाय लाइफ़स्टाइल, क्वालिटी और लॉन्ग‑टर्म रिटर्न महत्व रखते हैं। HNI और UHNWI वर्ग अब केवल स्टेटस सिंबल नहीं, बल्कि स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के रूप में लग्ज़री घर खरीद रहे हैं ।
HNI और UHNWI अब लक्ज़री प्रॉपर्टी को लॉन्ग‑टर्म और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के रूप में देख रहे हैं ।
बड़ी‑बड़ी मार्केटिंग और ब्रांडेड डेवलपर्स का दबदबा
आजकल खरीदार डेवलपर का ट्रैक रिकॉर्ड, समय पर डिलीवरी और आफ्टर‑सेल्स सर्विस पर भीख विशेष ध्यान दे रहे हैं। बढ़ती मांग में बड़े और भरोसेमंद डेवलपर्स जैसे DLF, Godrej Properties, Sobha, Signature Global, Prateek आदि की भूमिका प्रमुख रही है । इनमें से कई लिस्टेड कंपनियाँ नियमों का पालन करती हैं, और इसलिए NRIs को भरोसा मिलता है कि उनकी निवेश सुरक्षित है ।
निवेश की प्रवृत्तियाँ और रिटर्न
दिल्ली‑NCR में ₹4 करोड़ से अधिक कीमत वाले घरों की बिक्री में 2024 में 53% तक की वृद्धि दर्ज हुई। कुल मिलाकर भारत में ₹5.1 लाख करोड़ की प्रॉपर्टी सेल्स हुई, जिसमें लग्ज़री होम्स की बड़ी हिस्सेदारी थी ।
बड़े शहरों में जैसे दिल्ली‑NCR, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद लग्ज़री हाउसिंग का केंद्र बन चुके हैं, साथ ही पुणे, चेन्नई जैसे शहर भी तेजी से बढ़ रहे हैं ।
रेंटल इनकम और पूंजी सरंक्षण
NRIs न केवल खरीद रहे हैं बल्कि रेंट पर देकर अतिरिक्त आय भी कमा रहे हैं। औसत रेंटल यील्ड 2-6% के बीच रहकर, रिटर्न और कैपिटल गेंस दोनों का संतुलन प्रदान कर रही है ।
सरकारी नीति और इन्फ्रास्ट्रक्चर की भूमिका
RERA के तहत पारदर्शिता और समयबद्ध संसाधन पूरे उद्योग का ढांचा बदल रहे हैं। NRIs को घर खरीदने में सहूलियत के लिए कई राज्यों ने विधेयकीय सरलताएँ और टैक्स लाभ भी लागू किए हैं भंग ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की इन्वेस्टमेंट सुरक्षा, स्मार्ट सिटी, एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स भी लग्ज़री हाउसिंग को आकर्षक बना रहे हैं ।
भविष्य की संभावना
विश्लेषकों के अनुसार, लक्ज़री रियल एस्टेट सेगमेंट अगले कुछ वर्षों में मजबूत विकास दिखाएगा, क्योंकि HNI‑UHNWI और NRIs की संख्या और उनकी समृद्धि बढ़ती जाएगी। बाजार में नया संतुलन बनेगा जिसमें सुविधाएँ, ब्रांड वैल्यू और हाई‑एंड सपोर्ट सेवाओं वाली प्रॉपर्टीज की डिमांड और बढ़ेगी ।
समग्र निष्कर्ष
भारत में लग्ज़री हाउसिंग बूम केवल ट्रेंड नहीं, बल्कि बदलाव है। HNI‑UHNWI और NRIs न सिर्फ घर खरीद रहे हैं, बल्कि भविष्य के लिए पूंजी संरक्षण और सुविधा स्तर को भी महत्व दे रहे हैं। शहरों में लग्ज़री प्रोजेक्ट्स का विस्तार, सरकारी नियमों की सरलता, डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट और गुणवत्ता‑केंद्रित डिजाइन ने इस बूम को और रफ्तार दी है।
भविष्य में यह प्रवृत्ति और तीव्र हो सकती है, जिससे रियल एस्टेट इंडस्ट्री में बड़े बदलाव आएंगे। अगर आप लग्ज़री घरों में निवेश की सोच रहें हैं, तो यह समय अवसरों से भरा है।