भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। यदि आपका IRCTC खाता आधार कार्ड से सत्यापित नहीं है, तो इसे जल्द ही निष्क्रिय किया जा सकता है। यह कदम IRCTC द्वारा फर्जी खातों और अवैध टिकट बुकिंग को रोकने के लिए शुरू की गई विशेष सत्यापन प्रक्रिया का हिस्सा है। पिछले छह महीनों में, IRCTC ने 2.4 करोड़ संदिग्ध खातों को निष्क्रिय किया है और 20 लाख से अधिक खाते आधार-आधारित सत्यापन के अधीन हैं। यह कदम टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है, खासकर तत्काल बुकिंग के दौरान, जहां फर्जी खातों के माध्यम से टिकटों की कालाबाजारी आम रही है।
आधार सत्यापन क्यों जरूरी?
IRCTC ने हाल के वर्षों में फर्जी खातों और बॉट्स के उपयोग से टिकट बुकिंग में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की शिकायतें प्राप्त की थीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ खाते बुकिंग शुरू होने के कुछ मिनटों के भीतर ही टिकट बुक कर लेते थे, जिससे सामान्य यात्रियों को टिकट मिलना मुश्किल हो जाता था। इन खातों का उपयोग टिकटों को ऊंची कीमतों पर पुनर्विक्रय करने के लिए किया जाता था। इस समस्या से निपटने के लिए, IRCTC ने आधार सत्यापन को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। सत्यापन के लिए, उपयोगकर्ताओं को अपने IRCTC खाते में लॉग इन करके आधार नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद OTP के माध्यम से सत्यापन पूरा होगा। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि केवल वास्तविक उपयोगकर्ता ही टिकट बुक कर सकें।
आधार सत्यापन की प्रक्रिया
IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर आधार सत्यापन की प्रक्रिया सरल है। उपयोगकर्ताओं को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के साथ लॉग इन करना होगा और ‘माय प्रोफाइल’ सेक्शन में जाकर आधार लिंकिंग विकल्प चुनना होगा। इसके बाद, आधार नंबर और OTP दर्ज करके सत्यापन पूरा किया जा सकता है। IRCTC का AI-संचालित चैटबॉट AskDISHA 2.0 भी इस प्रक्रिया में मदद करता है, जो हिंदी, अंग्रेजी, और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। सत्यापन के बिना, उपयोगकर्ता तत्काल टिकट बुक नहीं कर पाएंगे, और उनका खाता निष्क्रिय हो सकता है। X पर उपयोगकर्ताओं ने इस कदम की सराहना की है, क्योंकि यह 2018 जैसे घोटालों को रोकने में मदद करेगा, जहां एक व्यक्ति ने फर्जी सॉफ्टवेयर का उपयोग करके तत्काल टिकट बुक कर 35 लाख रुपये कमाए थे।
IRCTC की अन्य पहलें
IRCTC ने फर्जी खातों को रोकने के लिए कई तकनीकी उपाय किए हैं, जैसे अत्याधुनिक एंटी-बॉट एप्लिकेशन और कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क का उपयोग। ये उपाय वास्तविक उपयोगकर्ताओं और स्वचालित बॉट्स के बीच अंतर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, IRCTC ने हाल ही में 3 मार्च 2025 को नव रत्न का दर्जा प्राप्त किया, जिससे कंपनी को वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता मिली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में, IRCTC ने 358 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही के 284 करोड़ रुपये से 26% अधिक है। कंपनी ने रेल नीर की बिक्री से भी 96 करोड़ रुपये की कमाई की।
यात्रियों के लिए सुझाव
IRCTC ने उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने खाते को आधार से लिंक करें। सत्यापन न होने पर खाता निष्क्रिय होने से टिकट बुकिंग और रद्द करने की सुविधा प्रभावित हो सकती है। यदि उपयोगकर्ताओं को सत्यापन में समस्या आती है, तो वे IRCTC के ग्राहक सेवा नंबर 14646, 08044647999, या 08035734999 पर संपर्क कर सकते हैं या etickets@irctc.co.in पर ईमेल भेज सकते हैं। इसके अलावा, यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे टिकट बुकिंग के लिए केवल आधिकारिक IRCTC वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें और अनधिकृत एजेंटों से बचें।
निष्कर्ष
IRCTC का आधार सत्यापन अनिवार्य करने का निर्णय टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल फर्जी खातों को हटाएगा, बल्कि सामान्य यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने में आसानी भी प्रदान करेगा। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द सत्यापन पूरा करें, ताकि उनकी बुकिंग प्रक्रिया निर्बाध रहे।