27 May को दस्तक देगा Monsoon केरल में,
नई दिल्ली: मौसम विभाग (IMD) ने देश के लिए खुशखबरी दी है। इस साल दक्षिण-पश्चिम Monsoon सामान्य से पहले, 27 May को केरल के तट पर पहुंचने की संभावना है। IMD के अनुसार, Monsoon बुधवार को बंगाल की खाड़ी में पहुंच चुका है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह खबर किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है।
14 राज्यों में आंधी-बारिश का अलर्ट:
मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए देश के 14 राज्यों में आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें बिहार और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं। IMD ने बताया कि अंडमान सागर के ऊपर एक चक्रवाती स्थिति बन रही है, जिससे 16 से 22 मई के बीच कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। इसके प्रभाव से 24 से 26 मई के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है।
16 साल बाद सबसे जल्दी आगमन:
यदि मानसून 27 मई को केरल पहुंचता है, तो यह पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी होगा। इससे पहले, 2009 में मानसून 23 मई को केरल में पहुंचा था, जबकि 2024 में यह 30 मई को आया था।
गुजरात में प्री-मानसून गतिविधियां:
स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात में 24 मई से प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो जाएंगी और 28 मई तक हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। हालांकि, इसके बाद राज्य में फिर से गर्मी का प्रकोप बढ़ सकता है।
पूरे मध्य प्रदेश में अलर्ट:
मौसम विभाग ने पूरे मध्य प्रदेश में तूफान, बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। वहीं, राजस्थान के कई जिलों में शनिवार को बारिश हुई और आज भी 30 जिलों में आंधी और बारिश की संभावना जताई गई है।
सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद:
IMD ने अप्रैल में ही पूर्वानुमान जारी कर दिया था कि 2025 के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि इस साल चार महीने के मानसून में अच्छी बारिश की उम्मीद है। इसके अलावा, अल नीनो का खतरा भी टल गया है, जो आमतौर पर कम बारिश का कारण बनता है।
जल्दी आगमन का मतलब ज्यादा बारिश नहीं:
IMD अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मानसून का जल्दी आना इस बात की गारंटी नहीं है कि पूरे देश में बारिश का पैटर्न एक समान होगा। केरल में मानसून का जल्दी या देर से आना देश के अन्य हिस्सों में इसके व्यवहार को निर्धारित नहीं करता है। यह वैश्विक और स्थानीय मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
मानसून का महत्व:
मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। समय पर और अच्छी बारिश फसलों की बुआई और उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है। इस बार मानसून का समय से पहले आगमन किसानों और आम नागरिकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, मौसम की अनिश्चितताओं को देखते हुए इसकी प्रगति पर नजर रखना जरूरी है।