रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की प्रमुख कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy Ltd) के प्रमोटर्स, तांती परिवार और ट्रस्ट, अपने 20 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में हैं। यह ब्लॉक डील 9 जून 2025 को होने की संभावना है, जिसके जरिए प्रमोटर्स लगभग 1300 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं। यह जानकारी सीएनबीसी आवाज को सूत्रों के हवाले से मिली है। इस डील में शेयरों की कीमत 64.75 रुपये प्रति शेयर रखी गई है, जो शुक्रवार (6 जून 2025) को स्टॉक के बंद भाव 66.74 रुपये से लगभग 2.9% कम है। इस ब्लॉक डील में 180 दिनों का लॉक-इन पीरियड भी शामिल है, जिसके दौरान प्रमोटर्स अतिरिक्त शेयर नहीं बेच सकेंगे। डील का आकार बड़ा होने के बावजूद डिस्काउंट कम होने के कारण मार्केट विशेषज्ञ इसे रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेशकों की निरंतर रुचि का संकेत मान रहे हैं।
सुजलॉन एनर्जी भारत की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक है, जो मुख्य रूप से पवन ऊर्जा पर केंद्रित है। कंपनी ने भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है। इस ब्लॉक डील को प्रमोटर्स द्वारा कर्ज प्रबंधन के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि यह डील कंपनी के वित्तीय ढांचे को मजबूत करने और भविष्य की परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में मदद कर सकती है।
हाल ही में, सुजलॉन ने अपनी वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। मार्च 2025 तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ लगभग पांच गुना बढ़कर 1,181 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 254 करोड़ रुपये था। इस वृद्धि में 600 करोड़ रुपये के डिफर्ड टैक्स एसेट का योगदान रहा। कंपनी की बिक्री भी 73.2% बढ़कर 3,773.5 करोड़ रुपये रही, और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कुल आय 10,851 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 67% अधिक है।
सुजलॉन का ऑर्डर बुक भी रिकॉर्ड स्तर पर है, जो मार्च 2025 के अंत में 5.6 गीगावाट था। कंपनी ने हाल ही में एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के साथ 378 मेगावाट का नया ऑर्डर हासिल किया, जिससे इस सरकारी कंपनी के साथ उसकी कुल साझेदारी 1,544 मेगावाट तक पहुंच गई। इसके अलावा, सितंबर 2024 में सुजलॉन को एनटीपीसी से अब तक का सबसे बड़ा 1,166 मेगावाट का ऑर्डर मिला था। कंपनी ने अपनी S144-3X MW सीरीज के लिए 10 नई प्रोडक्शन लाइन भी जोड़ी हैं, जो भारत की पवन ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देने के लिए स्थानीय विनिर्माण और सप्लाई चेन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
मार्केट में सुजलॉन के शेयरों ने हाल के महीनों में उतार-चढ़ाव देखा है। मई 2025 में तिमाही नतीजों के बाद शेयर 14% तक उछले थे, लेकिन बाद में मुनाफावसूली के कारण इसमें गिरावट आई। शुक्रवार को स्टॉक 66.74 रुपये पर बंद हुआ। ब्रोकरेज फर्म मॉटिलाल ओसवाल ने सुजलॉन पर ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है और 83 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो मौजूदा कीमत से 16% की बढ़त दर्शाता है।
यह ब्लॉक डील सुजलॉन के शेयर प्राइस और निवेशक सेंटीमेंट पर क्या प्रभाव डालेगी, यह आने वाले दिनों में देखा जाएगा। हालांकि, कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक, सरकारी नीतियों का समर्थन, और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बढ़ती मांग को देखते हुए विश्लेषक इसके भविष्य को लेकर आशावादी हैं।