5 जून 2025: भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार, 4 जून 2025 को सकारात्मक रुख के साथ कारोबार समाप्त किया, जिसमें बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। सेंसेक्स में 260.74 अंकों (0.32%) की बढ़त देखी गई और यह 80,998.25 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 77.70 अंक (0.31%) की बढ़त के साथ 24,620.20 पर पहुंच गया। यह जानकारी अमर उजाला की एक हालिया रिपोर्ट से प्राप्त हुई है, जिसमें बाजार के इस सकारात्मक प्रदर्शन को निवेशकों के बढ़ते भरोसे का परिणाम बताया गया है।
बाजार का प्रदर्शन और प्रमुख कारण
पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया था, लेकिन 4 जून को बाजार ने मजबूती दिखाई। निवेशकों का भरोसा लौटने के पीछे कई कारक जिम्मेदार रहे। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेत, विशेष रूप से अमेरिकी बाजारों में स्थिरता, ने भारतीय बाजार को समर्थन प्रदान किया। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की खरीदारी ने भी बाजार को गति दी।
सेंसेक्स ने दिन के दौरान 81,087.29 के उच्चतम स्तर को छुआ, जबकि इसका निम्नतम स्तर 80,705.18 रहा। निफ्टी ने भी स्थिरता दिखाई और दिन के अंत में 24,620.20 पर बंद हुआ। बाजार के इस प्रदर्शन ने निवेशकों को राहत दी, खासकर तब जब हाल के दिनों में भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण बाजार में अस्थिरता देखी गई थी।
सेक्टोरल प्रदर्शन
सेक्टोरल सूचकांकों में मिश्रित प्रदर्शन देखा गया। निफ्टी बैंक सूचकांक 76.90 अंकों (0.13%) की मामूली बढ़त के साथ 55,676.85 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 150 में 169.85 अंकों (0.80%) की वृद्धि दर्ज की गई, जो 21,334.60 पर पहुंच गया। यह मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में निवेशकों की रुचि को दर्शाता है। दूसरी ओर, इंडिया VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, 4.89% की गिरावट के साथ 15.75 पर आ गया, जो बाजार में कम अस्थिरता का संकेत देता है।
आईटी, मेटल, और ऑटो सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन देखा गया। विशेष रूप से, इन्फोसिस, टीसीएस, और टेक महिंद्रा जैसे आईटी दिग्गजों ने बाजार को समर्थन दिया। ऑटो सेक्टर में महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसे शेयरों ने भी मजबूती दिखाई। हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे फार्मा और एफएमसीजी में मुनाफावसूली के कारण हल्की कमजोरी देखी गई।
प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
निफ्टी 50 के शीर्ष लाभार्थियों में इन्फोसिस, अडानी एंटरप्राइजेज, श्रीराम फाइनेंस, ट्रेंट, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शामिल रहे। दूसरी ओर, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, और हिंडाल्को जैसे शेयरों ने बाजार की तेजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
वैश्विक और घरेलू कारक
वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी बाजारों में स्थिरता और यूएस ट्रेजरी यील्ड्स में कमी ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। हाल ही में अमेरिकी कोर्ट द्वारा ट्रंप प्रशासन के प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ को अवरुद्ध करने की खबर ने भी बाजार को सकारात्मक दिशा दी। इसके अलावा, भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरलता बढ़ाने की नीतियों और रक्षा क्षेत्र में निवेश ने भी बाजार को समर्थन प्रदान किया।
घरेलू मोर्चे पर, निवेशकों की नजर अब आगामी कॉरपोरेट आय परिणामों और वैश्विक आर्थिक संकेतों पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि निफ्टी 24,650 के स्तर को पार करता है, तो यह 25,000 की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, 24,350 का स्तर एक महत्वपूर्ण समर्थन स्तर माना जा रहा है।
निवेशकों की रणनीति
बाजार विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशकों को सतर्क रहते हुए गुणवत्ता वाले शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अवसर दिख रहे हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक है। दीर्घकालिक निवेशकों को उन कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए जिनके पास मजबूत बुनियादी बातें और लगातार वृद्धि की संभावना है। अल्पकालिक व्यापारियों को बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाने के लिए तकनीकी स्तरों पर नजर रखनी चाहिए।
भविष्य की संभावनाएं
बाजार के जानकारों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में अभी और तेजी की संभावना है, बशर्ते वैश्विक और घरेलू कारक अनुकूल रहें। हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बाजार के लिए जोखिम बनी हुई हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाए रखें और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें।
निष्कर्ष
4 जून 2025 का कारोबारी सत्र भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक रहा, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया। वैश्विक संकेतों, घरेलू नीतियों, और सेक्टोरल प्रदर्शन ने बाजार को गति प्रदान की। आने वाले दिनों में, निवेशकों को कॉरपोरेट आय, वैश्विक आर्थिक रुझान, और तकनीकी स्तरों पर नजर रखनी होगी। भारतीय शेयर बाजार की यह स्थिरता अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाती है, और निवेशकों के लिए यह एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का समय है।