वॉरेन बफे ने इस भारतीय स्टॉक में इसी लेवल पर लॉस बुक किया, फिर बदला गेम, अब होने वाला है फ्रेश ब्रेकआउट
वॉरेन बफेट की निवेश कंपनी बर्कशायर हैथवे ने भारत की डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम (One97 Communications) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है, जिससे उन्हें लगभग ₹630 करोड़ का नुकसान हुआ है।
निवेश और नुकसान का विवरण
बर्कशायर हैथवे ने सितंबर 2018 में पेटीएम में ₹2,200 करोड़ का निवेश करके 2.6% हिस्सेदारी खरीदी थी, जिसमें प्रति शेयर लागत ₹1,279.70 थी। नवंबर 2021 में पेटीएम के आईपीओ के दौरान, बर्कशायर ने ₹220 करोड़ के शेयर बेचे। नवंबर 2023 में, उन्होंने शेष 1.56 करोड़ शेयर ₹877.29 प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेच दिए, जिससे कुल ₹1,370 करोड़ प्राप्त हुए। इस बिक्री से बर्कशायर को लगभग ₹630 करोड़ का नुकसान हुआ।
पेटीएम के वित्तीय प्रदर्शन
मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में, पेटीएम ने ₹545 करोड़ का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले तिमाही की तुलना में कम है। हालांकि, कंपनी की राजस्व में लगभग 16% की गिरावट आई, जो ₹2,519 करोड़ से घटकर ₹2,119 करोड़ हो गई। कंपनी ने यह भी बताया कि यदि कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ESOP) लागत को छोड़ दिया जाए, तो उनका परिचालन लाभ ₹81 करोड़ रहा।
शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
बर्कशायर की हिस्सेदारी बिक्री के बाद, पेटीएम के शेयरों में अस्थिरता देखी गई। हालांकि, मई 2025 में, कंपनी के शेयरों में 5.5% की वृद्धि हुई, जब उन्होंने बेहतर वित्तीय परिणामों की घोषणा की। JM Financial ने पेटीएम के शेयरों के लिए ₹1,070 का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है, जो वर्तमान मूल्य ₹879.05 से अधिक है।
निष्कर्ष
वॉरेन बफेट की बर्कशायर हैथवे द्वारा पेटीएम में निवेश और उसके बाद हुए नुकसान से यह स्पष्ट होता है कि स्टार्टअप्स में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। हालांकि, पेटीएम ने अपने परिचालन प्रदर्शन में सुधार के संकेत दिए हैं, जिससे निवेशकों को भविष्य में बेहतर परिणामों की उम्मीद हो सकती है।