मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। यह घोषणा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की, जिसका उद्देश्य राज्य के किसानों को सशक्त बनाना और उनकी समृद्धि सुनिश्चित करना है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए लाभकारी होगी जो धान और गेहूं की खेती करते हैं, क्योंकि सरकार ने गेहूं उत्पादक किसानों के लिए भी समान लाभ की घोषणा की है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनकी खेती को और लाभकारी बनाना है। मध्य प्रदेश में कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और धान और गेहूं राज्य के प्रमुख फसल हैं। इस योजना के तहत, सरकार ने 2025-26 के बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 12 मार्च 2025 को विधानसभा में 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।
इस योजना के तहत, धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की सहायता दी जाएगी, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त होगी। गेहूं के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल सके। यह योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ समन्वय में काम करेगी, जिसमें किसानों को सालाना 6000 रुपये तीन किस्तों में प्रदान किए जाते हैं।
योजना का कार्यान्वयन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना के तहत धनराशि को सीधे किसानों के बैंक खातों में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित करता है कि सहायता राशि बिना किसी बिचौलियों के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने आधार कार्ड और बैंक खाते को पंजीकृत करना होगा, जैसा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आवश्यक है।
बजट में अन्य प्रावधान
2025-26 के बजट में मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए कई अन्य योजनाओं के लिए भी धनराशि आवंटित की है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 5220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2001 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन राहत योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार ने कृषि अवसंरचना को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं। कृषि अवसंरचना निधि के तहत 37,500 मीट्रिक टन क्षमता वाले 375 गोदाम बनाए गए हैं, और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1,17,350 मीट्रिक टन क्षम के 1,060 गोदाम स्थापित किए गए हैं। ये कदम किसानों को उनकी उपज के भंडारण और विपणन में मदद करेंगे।
किसानों पर प्रभाव
यह योजना मध्य प्रदेश के 85 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने की उम्मीद है, जैसा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत पहले देखा गया है। अप्रैल 2025 में, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 2000 रुपये की किस्त 85 लाख किसानों के खातों में हस्तांतरित की थी। इस नई योजना के साथ, धान और गेहूं उत्पादकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और खेती की लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना मध्य प्रदेश सरकार की किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उन्हें आधुनिक खेती के लिए प्रोत्साहित भी करेगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने दस्तावेजों को समय पर अपडेट करें और सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और मध्य प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।