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बच्चों की शादी की तैयारियाँ? इस स्मार्ट प्लानिंग से खर्चों का तनाव होगा कम

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बच्चों की शादी की तैयारियाँ? इस स्मार्ट प्लानिंग से खर्चों का तनाव होगा कम

  1. शादी का स्वरूप और बढ़ता खर्चHeader

भारत में शादी सिर्फ एक रस्मी आयोजन नहीं, बल्कि भावनाओं, संस्कृति और परंपरा का भी अद्वितीय मिश्रण होती है। लेकिन यही उत्सव अक्सर भारी आर्थिक बोझ बन जाता है। वर्ष 2024 में लगभग 80 लाख शादियाँ हुईं, जिन पर सरकार के अनुमान अनुसार कुल ₹10.7 लाख करोड़ खर्च किए गए। इस विशाल खर्च को देखते हुए समय रहते शादी के लिए आर्थिक तैयारी करना आज अनिवार्य हो गया है।

 

  1. अप्रत्याशित खर्चों का दर्द

कई परिवार बिना चार्ट बनाए शादी की योजना शुरू कर देते हैं। उदाहरण के तौर पर, अमित और मीरा ने बेटे की शादी पर शुरुआत में केवल ₹20 लाख निर्धारित किए थे, लेकिन जैसे-जैसे तैयारियाँ बढ़ीं—वेलेडिंग वेन्यू, मेहमानों की संख्या, केटरिंग—उनकी अनुमानित लागत लगातार बढ़ती चली गई। परिणामस्वरूप उन्हें लोन लेना पड़ा, जिससे कई सालों तक उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित रही।

 

  1. स्मार्ट यूनिवर्सल प्लानिंग: एक बेहतर विकल्प

दूसरी ओर, नेहा के परिवार ने साधारण लेकिन अनुशासित योजना अपनाई: जब नेहा सिर्फ 10 साल की थी, तब से हर महीने एक निश्चित राशि संचित की। 20 वर्ष बाद उन्होंने स्टाइलिश शादी आयोजित की, जिसका खर्च मौजूदा बाजार दरों के अनुसार अपनी जगह बहुत योग्य लगा। इस तरह की सावधान और समयबद्ध बचत ने परिवार को तनावमुक्त और खुशहाल बनाया।

 

  1. खर्चों की वार्षिक वृद्धि दर

Wed Me Good के आंकड़ों के अनुसार, भारत में विवाह खर्च हर साल लगभग 7% तक बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में औसत शादी का खर्च ₹36.5 लाख था, जबकि लग्ज़री शादी की लागत ₹1 करोड़ से अधिक हो सकती है। अनियोजित तरीके से इतनी बड़ी राशि जुटाना आम परिवार के लिए मुश्किल और तनावपूर्ण हो जाता है।

 

  1. गोल‑बेस्ड सेविंग्स प्लान क्या है और कैसे उपयोगी?

शादी की योजनाओं को गोलों में विभाजित करके फाइनेंशियल प्लानिंग की जा सकती है, जिससे:

अनुशासित बचत: हर महीने थोड़ी-थोड़ी राशि जमा करने से बड़े फंड और बिना तनाव के खर्च संभव।

महँगाई का कवरेज: निवेश महँगाई के अनुसार बढ़ता रहता है और उसकी लम्बी अवधि तक बढ़ोतरी से फंड संरक्षित रहता है।

सुरक्षा नेटवर्क: अगर भुगतान के बीच किसी अप्रत्याशित घटना से बाधा आए, तो लाइफ इंश्योरेंस जैसी योजनाएं सहारा देती हैं।

 

  1. जीवन बीमा: सुपरस्टार सलाहकार

टाटा AIA के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट सुजीत कोठारे के अनुसार, आज के समय में शादी जैसी बड़ी योजना हेतु फिक्स्ड डिपॉज़िट या गोल्ड के बजाय गोल‑बेस्ड लाइफ इंश्योरेंस बेहतर विकल्प हो सकता है।

 

यदि होम लोन या बिजनेस लोन हो तो भी जीवन बीमा पॉलिसी सुरक्षा प्रदान करती है।

पॉलिसीधारक के निधन पर भी परिवार को आर्थिक सहायता मिलती रहती है।

 

  1. लेकर चलिए – ₹1.17 करोड़ कैसे बने?

मान लीजिए आज की औसत शादी का खर्च ₹36.5 लाख है।

20 साल में यह लगभग ₹1.17 करोड़ हो सकता है (6% वार्षिक महंगाई दर मानकर)।

यदि आप ₹45,000 प्रतिमाह जमा करें और अनुमानित 8% का रिटर्न प्राप्त हो, तो 20 वर्षों में यह फंड तैयार किया जा सकता है।

 

  1. कौन कर सकता है प्लानिंग शुरू?

यंग पैरेंट्स: जितनी जल्दी शुरू करेंगे, उतना लाभ मिलेगा।

नवविवाहित दंपती: लंबी अवधि की योजनाओं के लिए यह योजना मददगार है।

30 वर्ष के लोग: यदि अभी शुरू करते हैं तो भविष्य में शादी, बच्चे, घर आदि के लिए तनाव कम होगा।

 

निष्कर्ष:

शादी न केवल दो लोगों का मिलन है, बल्कि परिवार का आर्थिक और भावनात्मक पर्व भी। अगर इसे स्मार्ट प्लानिंग के साथ डिजाइन किया जाए तो यह उत्सव आनंदपूर्ण ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी सुरक्षित और संतुलित हो सकता है।

 

बजट तैयार करें: शुरुआत में ही खर्चों का अध्ययन करें।

गोल‑बेस्ड बचत करें: समय, महँगाई और आवश्यकता को ध्यान में रख सेविंग सेट करें।

बीमा को अपनाएँ: अप्रत्याशित आर्थिक झटकों से सुरक्षा मिलेगी।

इन्स्ट्रूमेंट्स का चयन सोच-समझकर करें: FD, Gold क्यूँ, जब गोल‑बेस्ड पॉलिसी से बेहतर कवरेज मिल सकता हो?

 

शादी के लिए समयपूर्व बचत या योजनाबद्ध निवेश से न सिर्फ आपकी जेब और मन, बल्कि समारोह की खूबसूरती और यादों की मिठास भी अनावश्यक तनावों से मुक्त हो जाएगी।

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