भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, फोर्स मोटर्स और बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया ने चेन्नई स्थित अपने इंजन असेंबली प्लांट से 100,000वें इंजन के रोल-आउट का जश्न मनाया। यह ऐतिहासिक इंजन बीएमडब्ल्यू X5 मॉडल में लगाया गया है। यह उपलब्धि दोनों कंपनियों के बीच दस साल के मजबूत सहयोग और भारत में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। चेन्नई का यह प्लांट, जो 2015 में स्थापित हुआ, विशेष रूप से भारत में निर्मित बीएमडब्ल्यू कारों के लिए इंजन उत्पादन के लिए बनाया गया था। यह सुविधा बीएमडब्ल्यू के वैश्विक मानकों को पूरा करती है और भारत में इसकी लोकलाइजेशन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दस साल का सहयोग और तकनीकी उत्कृष्टता
चेन्नई में फोर्स मोटर्स का प्लांट 2015 में शुरू हुआ और तब से यह बीएमडब्ल्यू की सभी स्थानीय रूप से निर्मित कारों, जैसे 3-सीरीज़, 5-सीरीज़, 7-सीरीज़, X1, X3, X5, और 3-सीरीज़ जीटी के लिए 4-सिलेंडर और 6-सिलेंडर इंजन असेंबल करता है। यह प्लांट अत्याधुनिक स्वचालित उत्पादन लाइनों, डिजिटल रूप से एकीकृत प्रक्रियाओं और सख्त गुणवत्ता नियंत्रण के साथ संचालित होता है। बीएमडब्ल्यू के वैश्विक उत्पादन मानकों का पालन करते हुए, यह सुविधा भारत में ऑटोमोटिव क्षेत्र में तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है। इस उपलब्धि के अवसर पर, बीएमडब्ल्यू प्रोडक्शन नेटवर्क 2 के उपाध्यक्ष मार्कस वोलेंस ने कहा, “हम चेन्नई प्लांट से 100,000वें बीएमडब्ल्यू इंजन के रोल-आउट का जश्न मनाने के लिए उत्साहित हैं। यह एक दशक की शानदार साझेदारी और समर्पण का परिणाम है। हमारे इंजन उत्कृष्ट इंजीनियरिंग, नवाचार और उच्च प्रदर्शन के प्रतीक हैं।”
भारत-जर्मनी साझेदारी का प्रतीक
इस साझेदारी ने भारत और जर्मनी के बीच औद्योगिक सहयोग को मजबूत किया है। फोर्स मोटर्स के प्रबंध निदेशक प्रсан फिरोदिया ने इस अवसर पर कहा, “इस साल चेन्नई में हमारे अत्याधुनिक इंजन असेंबली प्लांट को एक दशक पूरा हुआ है, और 100,000वें इंजन का रोल-आउट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमें बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया का भरोसेमंद साझेदार होने का गर्व है।” यह सहयोग न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत में विश्वस्तरीय ऑटोमोटिव घटकों के निर्माण को भी प्रोत्साहित करता है।
लोकलाइजेशन और मेक इन इंडिया
फोर्स मोटर्स का चेन्नई प्लांट बीएमडब्ल्यू की भारत में लोकलाइजेशन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुविधा स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग को बढ़ावा देती है और भारत में निर्मित वाहनों में 50% तक लोकलाइजेशन को सक्षम बनाती है। बीएमडब्ल्यू ग्रुप प्लांट चेन्नई के प्रबंध निदेशक थॉमस डोज ने कहा, “हमारी फोर्स मोटर्स के साथ साझेदारी न केवल गुणवत्ता मानकों को ऊँचा करती है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।” यह उपलब्धि भारत में ऑटोमोटिव उद्योग के लिए एक मील का पत्थर है, जो स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस प्लांट ने न केवल तकनीकी क्षेत्र में योगदान दिया है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है। 650 से अधिक कर्मचारियों के साथ, यह सुविधा रोजगार सृजन और कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, यह प्लांट 100% हरित बिजली पर चलता है, जो स्थिरता के प्रति बीएमडब्ल्यू की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि भारत में ऑटोमोटिव उद्योग की बढ़ती क्षमता और वैश्विक बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को रेखांकित करती है।
निष्कर्ष
फोर्स मोटर्स और बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया की यह साझेदारी भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करती है। 100,000वें इंजन का रोल-आउट न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत-जर्मनी सहयोग और ‘मेक इन इंडिया’ की भावना का प्रतीक है। यह उपलब्धि दोनों कंपनियों के लिए एक गर्व का क्षण है और भारत को वैश्विक ऑटोमोटिव विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।