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चार कंपनियों को सेबी से आईपीओ लाने की मंजूरी, ओसवाल पंप्स का आईपीओ 13 जून को खुलेगा

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भारतीय शेयर बाजार में प्राथमिक बाजार की गतिविधियां एक बार फिर तेज हो रही हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में चार कंपनियों को अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने की मंजूरी दी है। इन कंपनियों में केंट आरओ सिस्टम्स, एक जानी-मानी वाटर प्यूरीफायर कंपनी, भी शामिल है। इसके अलावा, ओसवाल पंप्स लिमिटेड का आईपीओ 13 जून 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। यह खबर निवेशकों के बीच उत्साह पैदा कर रही है, क्योंकि ये आईपीओ न केवल कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का अवसर हैं, बल्कि निवेशकों को भी आकर्षक रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं।

सेबी ने जिन चार कंपनियों को आईपीओ लाने की अनुमति दी है, उनमें केंट आरओ सिस्टम्स के अलावा अन्य तीन कंपनियां भी शामिल हैं, जिनके नाम अभी आधिकारिक तौर पर उजागर नहीं किए गए हैं। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, ये कंपनियां विविध क्षेत्रों जैसे उपभोक्ता वस्तुएं, बुनियादी ढांचा, और विनिर्माण से संबंधित हो सकती हैं। सेबी की मंजूरी के बाद इन कंपनियों के पास अगले 12 महीनों के भीतर अपने आईपीओ लाने का समय है। सेबी ने इन कंपनियों के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि सभी जरूरी खुलासे और वित्तीय जानकारी पारदर्शी तरीके से प्रस्तुत की गई हैं।

केंट आरओ सिस्टम्स, जो भारतीय घरों में वाटर प्यूरीफायर के लिए एक जाना-माना नाम है, अपने आईपीओ के माध्यम से बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य इस आईपीओ से जुटाई गई पूंजी का उपयोग उत्पादन क्षमता बढ़ाने, अनुसंधान और विकास में निवेश करने, और नए बाजारों में विस्तार करने में करना है। केंट आरओ की मजबूत ब्रांड छवि और उपभोक्ता विश्वास को देखते हुए, इसका आईपीओ निवेशकों के बीच खासा लोकप्रिय हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी की स्थिर वित्तीय स्थिति और स्वास्थ्य-संबंधी उत्पादों की बढ़ती मांग इसके आईपीओ की सफलता को सुनिश्चित कर सकती है।

दूसरी ओर, ओसवाल पंप्स लिमिटेड का आईपीओ 13 जून 2025 को खुलेगा और 17 जून 2025 को बंद होगा। यह एक मुख्य बोर्ड आईपीओ है, जिसके माध्यम से कंपनी लगभग 1,387.34 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इस आईपीओ में 890 करोड़ रुपये का ताजा इश्यू और 81 लाख इक्विटी शेयरों की ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है। ओसवाल पंप्स की प्राइस बैंड 584 रुपये से 614 रुपये प्रति शेयर तय की गई है, और न्यूनतम लॉट साइज 24 शेयरों का है। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 14,736 रुपये होगी। कंपनी का यह आईपीओ बीएसई और एनएसई दोनों पर सूचीबद्ध होगा, और शेयरों का आवंटन 18 जून 2025 को अंतिम रूप दिया जाएगा, जबकि लिस्टिंग 20 जून 2025 को होने की संभावना है।

ओसवाल पंप्स, जो हरियाणा के करनाल में स्थित है, सौर ऊर्जा से चलने वाले और ग्रिड से जुड़े पंपों, इलेक्ट्रिक मोटर्स, और अन्य संबंधित उत्पादों का निर्माण करती है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में 761.23 करोड़ रुपये का राजस्व और 97.67 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो 2023 की तुलना में काफी बेहतर है। कंपनी की मजबूत वृद्धि और भारत सरकार की पीएम कुसुम योजना के तहत सौर पंपों की बढ़ती मांग ने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है। ओसवाल पंप्स इस आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग अपनी सहायक कंपनी ओसवाल सोलर में निवेश, कर्ज चुकाने, और नए विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए करेगी।

विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय प्राथमिक बाजार में 2025 में काफी हलचल देखने को मिलेगी। सेबी द्वारा हाल ही में कई कंपनियों को दी गई मंजूरी और मजबूत आईपीओ पाइपलाइन इस बात का संकेत है कि निवेशकों के पास कई नए अवसर होंगे। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, प्रबंधन की विश्वसनीयता, और बाजार की स्थिति का गहन विश्लेषण करें। केंट आरओ और ओसवाल पंप्स जैसे आईपीओ निश्चित रूप से बाजार में उत्साह बढ़ाएंगे, लेकिन सावधानीपूर्वक निर्णय लेना जरूरी है।

 

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