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कोटा में बैंक मैनेजर द्वारा 4.58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश

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राजस्थान के कोटा जिले में एक निजी बैंक की महिला शाखा प्रबंधक द्वारा खाताधारकों के साथ 4.58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह घोटाला तब उजागर हुआ जब आरोपी का स्थानांतरण हुआ और नए प्रबंधक ने बैंक के रिकॉर्ड की जांच की। इस मामले में पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।

 

घोटाले का खुलासा

कोटा के श्रीराम नगर स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा में कार्यरत महिला शाखा प्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खाताधारकों के खातों से करोड़ों रुपये गबन किए। जब उसका स्थानांतरण हुआ और नए प्रबंधक ने कार्यभार संभाला, तो बैंक के रिकॉर्ड में अनियमितताएं पाई गईं। बैंक के उच्च अधिकारियों ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और पुलिस को सूचित किया।

 

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने बैंक अधिकारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने खाताधारकों की जानकारी के बिना उनके खातों से धनराशि निकालकर अपने लाभ के लिए उपयोग किया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और कुल कितनी राशि की हेराफेरी हुई है।

 

बैंक की प्रतिक्रिया

आईसीआईसीआई बैंक ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा है कि वह अपने ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है और इस प्रकार की धोखाधड़ी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता। बैंक ने आश्वासन दिया है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैंक ने यह भी कहा है कि ग्राहकों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।

 

ग्राहकों के लिए चेतावनी

इस घटना ने बैंक ग्राहकों को सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खातों की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें। इसके अलावा, ग्राहकों को अपने बैंकिंग विवरणों को गोपनीय रखने और किसी के साथ साझा न करने की सलाह दी जाती है।

 

निष्कर्ष

कोटा में सामने आया यह बैंक घोटाला एक गंभीर मामला है जो बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है। यह घटना न केवल ग्राहकों के विश्वास को प्रभावित करती है, बल्कि बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। आवश्यक है कि बैंक और संबंधित एजेंसियां इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

 

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