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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज: समय से पहले करें तैयारी

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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना अब भारत में हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है, जिसकी आय मूल छूट सीमा से अधिक है या जो विशिष्ट शर्तों को पूरा करता है। चाहे आपकी आय कर योग्य सीमा से कम हो या ज्यादा, ITR दाखिल करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह आपको कई वित्तीय लाभ भी प्रदान करता है। 6 जून 2025 तक, आयकर विभाग ने ITR फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे प्री-फिल्ड फॉर्म और ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा। लेकिन इसके लिए सही दस्तावेज समय पर इकट्ठा करना महत्वपूर्ण है। समय से पहले दस्तावेज तैयार करने से न केवल प्रक्रिया आसान होती है, बल्कि गलतियों और नोटिस से भी बचा जा सकता है।

ITR फाइलिंग के लिए जरूरी दस्तावेज

ITR फाइल करने के लिए कुछ सामान्य दस्तावेज हर करदाता के लिए अनिवार्य हैं, जबकि कुछ विशेष दस्तावेज आय के स्रोत पर निर्भर करते हैं। सबसे पहले, पैन कार्ड अनिवार्य है, क्योंकि यह TDS कटौती और रिफंड के लिए बैंक खाते से लिंक होता है। हाल के संशोधनों के अनुसार, आधार कार्ड भी ITR फाइल करने के लिए वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते यह पैन से लिंक हो। फॉर्म 16 वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें नियोक्ता द्वारा काटे गए टैक्स और वेतन का विवरण होता है। यदि फॉर्म 16 उपलब्ध नहीं है, तो मासिक वेतन पर्ची या पेंशन प्रमाणपत्र का उपयोग किया जा सकता है।

फॉर्म 26AS आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है, जिसमें TDS, अग्रिम कर, और रिफंड का विवरण होता है। इसे फॉर्म 16 के साथ क्रॉस-चेक करना जरूरी है ताकि कोई त्रुटि न रहे। AIS/TIS (एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट/टैक्सपेयर इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट) में उच्च-मूल्य लेनदेन और आय का ब्यौरा होता है, जिसे ITR में शामिल करना चाहिए। बैंक स्टेटमेंट या पासबुक बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज को दर्शाने के लिए जरूरी हैं, क्योंकि ये आय कर योग्य होती है।

आय के स्रोत के आधार पर दस्तावेज

आय के स्रोत के आधार पर अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास मकान किराए से आय है, तो किराए का ब्यौरा और किरायेदार से प्राप्त फॉर्म 16C जरूरी है। कैपिटल गेन (जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, या संपत्ति की बिक्री) के लिए ब्रोकर का स्टेटमेंट या बिक्री के दस्तावेज चाहिए। विदेशी आय या विदेश में संपत्ति होने पर डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत दस्तावेज जरूरी हैं। टैक्स बचत निवेश जैसे जीवन बीमा प्रीमियम, मेडिकल इंश्योरेंस, PPF, ELSS, या होम लोन रीपेमेंट के प्रमाण पत्र पुरानी कर व्यवस्था में कटौती का दावा करने के लिए आवश्यक हैं।

ITR फाइलिंग के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

ITR फाइल करने से पहले सही फॉर्म चुनना महत्वपूर्ण है। कुल सात ITR फॉर्म (ITR-1 से ITR-7) हैं, जो आय के स्रोत और करदाता की श्रेणी (व्यक्तिगत, HUF, कंपनी) पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, ITR-1 (सहज) वेतनभोगी व्यक्तियों और HUF के लिए है, जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और इसमें एक मकान संपत्ति या अन्य स्रोत शामिल हैं। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न अमान्य हो सकता है। ऑनलाइन पोर्टल पर प्री-फिल्ड डेटा की जांच करें, जैसे पैन, आधार, और बैंक खाता विवरण। सभी सक्रिय बैंक खातों का उल्लेख करना अनिवार्य है, जिसमें से एक प्राथमिक खाता रिफंड के लिए चुना जाता है।

समय सीमा और सत्यापन

वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, जब तक सरकार द्वारा विस्तार न दिया जाए। देर से फाइलिंग पर जुर्माना लग सकता है। रिटर्न फाइल करने के बाद, इसे आधार OTP, EVC, या ITR-V की हस्ताक्षरित प्रति CPC बेंगलुरु भेजकर सत्यापित करना अनिवार्य है। ITR-V भेजने की समय सीमा दाखिल करने की तारीख से 120 दिन है।

निष्कर्ष

ITR फाइलिंग को आसान और त्रुटि-मुक्त बनाने के लिए समय से पहले दस्तावेज इकट्ठा करना जरूरी है। यह न केवल कर अनुपालन सुनिश्चित करता है, बल्कि रिफंड, ऋण आवेदन, और वीजा प्रक्रिया में भी मदद करता है। ऑनलाइन पोर्टल और AI-संचालित प्लेटफॉर्म जैसे Tax2win और Clear Tax इस प्रक्रिया को और सरल बनाते हैं।

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