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सेबी ने मेहुल चोकसी के बैंक खातों और निवेश को फ्रीज किया, इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में 2.1 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनके बैंक खातों, म्यूचुअल फंड्स, शेयरों और डीमैट खातों को फ्रीज करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के मामले में 2.1 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने के लिए की गई है। सेबी ने जनवरी 2022 में चोकसी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और उन्हें एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, चोकसी ने इस जुर्माने का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद सेबी ने 15 मई 2025 को एक डिमांड नोटिस जारी किया। 15 दिनों की समय सीमा में भुगतान न होने पर, सेबी ने 4 जून 2025 को उनके खातों को जब्त करने का आदेश जारी किया।

 

सेबी के अनुसार, चोकसी, जो गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक थे, ने अपने सहयोगी राकेश गिर्धरलाल गजेरा को अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) साझा की थी। इस जानकारी के आधार पर, गजेरा ने दिसंबर 2017 में कंपनी में अपनी 5.75% हिस्सेदारी बेच दी, ताकि कंपनी से जुड़े धोखाधड़ी के खुलासे से पहले होने वाले नुकसान से बचा जा सके। सेबी ने इसे निषिद्ध इनसाइडर ट्रेडिंग गतिविधि माना, क्योंकि चोकसी ने बिना किसी कानूनी या वैध उद्देश्य के यह जानकारी साझा की थी। बकाया राशि में 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना, 60 लाख रुपये का ब्याज और वसूली लागत शामिल है। सेबी ने बैंकों, डिपॉजिटरी (सीडीएसएल और एनएसडीएल), और म्यूचुअल फंड हाउसों को चोकसी के खातों से किसी भी निकासी को रोकने और उनके लॉकरों को जब्त करने का निर्देश दिया है, हालांकि क्रेडिट की अनुमति दी गई है।

 

सेबी ने अपने आदेश में कहा कि चोकसी के पास अपनी संपत्तियों को छिपाने या हस्तांतरित करने की संभावना है, जिससे वसूली प्रक्रिया में देरी या बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, यह कदम आवश्यक था। सेबी ने बैंकों से चोकसी के सभी खातों और लॉकरों की जानकारी मांगी है, साथ ही पिछले एक साल की बैंक स्टेटमेंट भी जमा करने को कहा है। यह कार्रवाई सेबी एक्ट की धारा 28ए के तहत की गई है।

 

चोकसी, जो नीरव मोदी के मामा हैं, 14,000 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में भी मुख्य आरोपी हैं। दोनों ने 2018 की शुरुआत में घोटाला उजागर होने के बाद भारत छोड़ दिया था। चोकसी 2018 से एंटीगुआ में रह रहे थे, लेकिन अप्रैल 2025 में भारतीय अधिकारियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद उन्हें बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया, जहां वे कथित तौर पर इलाज के लिए गए थे। दूसरी ओर, नीरव मोदी को 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था और वे वर्तमान में यूके की जेल में हैं।

 

इसके अलावा, सेबी ने मई 2023 में चोकसी को गीतांजलि जेम्स के शेयरों में कथित धोखाधड़ी वाले व्यापार के लिए 5.35 करोड़ रुपये का भुगतान करने का नोटिस जारी किया था। उस मामले में, सेबी ने चोकसी को 10 साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित किया था। चोकसी पर आरोप है कि उन्होंने 2011-2012 के दौरान फ्रंट एंटिटीज के माध्यम से शेयरों की कीमतों में हेरफेर किया था।

 

यह कार्रवाई भारतीय नियामक और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ते समन्वय को दर्शाती है, जो भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों की वसूली को तेज करने के लिए काम कर रही हैं। चोकसी की गिरफ्तारी और सेबी की यह नवीनतम कार्रवाई भारत के वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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